दिग्विजय सिंह बोले- पहले चड्डीछाप, अब पेटीकोट छाप जो आ गए हैं, ये धर्म नहीं, चुनाव लड़ने पर कहा- पार्टी जो कहेगी वो करूंगा

गुना। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने RSS और BJP पर निशाना साधा। मंगलवार को गुना में उन्होंने कहा- पहले चड्डीछाप, अब पेटीकोट छाप जो आ गए हैं। ये धर्म नहीं है। कहते हैं भगवान राम को ले आए। इन्हें धर्म से लेना-देना नहीं था, इनको मस्जिद तोड़ना था।’
दिग्विजय सिंह ने गुना लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि पार्टी मुझसे जो कहेगी, मैं वही करूंगा। दिग्विजय सिंह गुना और बमोरी विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं की बैठक लेने पहुंचे थे।
पढ़िए, क्या कहा दिग्विजय सिंह ने
‘देश की संस्कृति, इतिहास और संस्कार समझो। पहले चड्डीछाप, अब पेटीकोट छाप जो आ गए हैं। ये धर्म नहीं है। कहते हैं 500 साल की गुलामी, भगवान राम को ले आए। अरे नालायको, तुमसे नीरव मोदी नहीं लाया गया, विजय माल्या नहीं लाया गया, तुम भगवान राम को ले आओगे। कहते थे रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे। मस्जिद तोड़कर बनाएंगे। इन्हें धर्म से कुछ लेना-देना नहीं था, इनको मस्जिद तोड़ना था।’
दिग्विजय सिंह ने कहा- ‘भगवान बुद्ध ने कहा था कि सत्य, अहिंसा, प्रेम, सद्भाव यही हर धर्म का मूल संदेश है। इसी मूल संदेश को गीता में भी लिखा गया है, अद्वैत में भी इसका उल्लेख है। इस्लाम में भी है, बाइबिल में भी है।
गुरु नानक ने तो हर धर्म के जो अच्छे कवि और प्रचारक थे, उन सब के दोहे गुरु ग्रंथ साहिब में डाले हैं। जो स्वर्ण मंदिर है, उसकी नींव एक मुस्लिम फकीर ने रखी। अमरनाथ का शिवलिंग किसी हिन्दू ने नहीं ढूंढा था, एक मुसलमान ने ढूंढा था।
इनके लिए राम श्रद्धा नहीं, राजनीति का विषय
दिग्विजय सिंह ने कहा कि 1925 में आरएसएस का गठन हुआ। राम मंदिर का विषय नहीं था उनके पास। 1950 के दशक में जनसंघ का गठन हुआ, राम मंदिर का विषय नहीं था। 1980 में भाजपा बनी, उसमें राम मंदिर का विषय नहीं था। विश्व हिंदू परिषद का गठन हुआ 1965 में, राम मंदिर का कोई विषय नहीं था।
दिग्विजय ने कहा- राम मंदिर का विषय तब आया, जब संसद में भारतीय जनता पार्टी के दो सदस्य ही आए। तब भाजपा ने इस मुद्दे को पकड़ा। भगवान राम श्रद्धा का विषय नहीं था उनके लिए। उनके लिए यह राजनीति का विषय था। रथयात्रा शुरू कर दी। देश में ऐसा जहर बोया, पूरे देश में नफरत का एक मुद्दा बनाया।
दिग्विजय से कार्यकर्ता ने कहा- गुना से आप ही लड़ो
बैठक में कार्यकर्ता ने दिग्विजय सिंह से गुना सीट से चुनाव लड़ने के लिए कहा। इस पर उन्होंने कहा कि मुझे राजगढ़ से क्यों भगाना चाहते हो।
दिग्विजय सिंह ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटने को कहा। उन्होंने गुना सीट से बेहतर कैंडिडेट के बारे में कार्यकर्ताओं की राय ली। सुझाव भी लिए। इस बीच, किसी कार्यकर्ता ने कहा कि गुना से आप ही लड़ना हुजूर।
बाद में दिग्विजय सिंह से जब पूछा गया कि अगर भाजपा गुना लोकसभा सीट से ज्योतिरादित्य सिंधिया को उतारती है, तो वे (दिग्विजय सिंह) चुनाव लड़ेंगे। इस पर उन्होंने कहा कि मैं वही करूंगा, जो पार्टी कहेगी।