जबलपुर में 8 साल की बच्ची का शव मिला, रेप के बाद हत्या की आशंका; लोगों ने शराब दुकान में आग लगाई

जबलपुर। जबलपुर में 8 साल की बच्ची का तालाब में शव मिलने के बाद हंगामा हो गया। लोगों को शक है कि किसी शराबी ने बच्ची के साथ रेप के बाद हत्या की है। गुस्साए लोगों ने शराब दुकान में आग लगा दी।
बुधवार शाम परिजनों ने जबलपुर-खमरिया रोड पर बच्ची का शव रखकर जाम लगा दिया। उन्होंने आरोपी को जल्द पकड़ने की मांग की है।
पुलिस के मुताबिक मंगलवार शाम 6 बजे बच्ची टॉयलेट के लिए घर से बाहर निकली थी। काफी देर तक नहीं लौटी, तो परिवार वालों ने तलाश किया। रात 11 बजे उसका शव तालाब में उतराता मिला। तालाब के करीब शराब दुकान है। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पीएम के लिए भिजवाया। इसके बाद लोग शराब ठेके की तरफ बढ़े। भीड़ देख वहां मौजूद कर्मचारी जान बचाकर भाग गए।

परिवार बोला – बेटी के साथ गलत हुआ
बच्ची के चाचा ने बताया कि बच्ची जिस हालत में मिली, उससे लग रहा है कि उसके साथ गलत हुआ। शरीर के निचले हिस्से पर कपड़े नहीं थे। वह तालाब में औंधे मुंह पड़ी थी। अस्पताल में डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। परिवार का कहना है कि शव के आसपास शराब की बोतलें भी पड़ी थीं।
ASP सोनाली दुबे का कहना है कि पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा कि बच्ची की मौत कैसे हुई है।
पटवारी बोले- कर वसूलने की सरकारी हवस अपराध बढ़ा रही
घटना पर मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने प्रदेश सरकार को घेरा है। उन्होंने X पर लिखा, ‘मुख्यमंत्री जी, लाड़लियों के साथ जैसे-जैसे अपराध बढ़ते जा रहे हैं, गृहमंत्री के रूप में आपके नंबर घटते जा रहे हैं। कर्ज लेकर शराब से कर वसूलने की सरकारी हवस भी अपराधों को बढ़ावा दे रही है। जबलपुर की बेकसूर बच्ची की ‘सरकारी-हत्या’ के लिए सरकार दोषी है। मध्यप्रदेश में शराब से जुड़े सभी अपराधों के लिए मुख्यमंत्री दोषी हैं।’

टीआई बोले- पीएम रिपोर्ट का इंतजार
पनागर थाने के प्रभारी अजय बहादुर सिंह का कहना है कि शराब दुकान का कितना माल जला है? इसकी जानकारी आबकारी विभाग से ली जाएगी। दुकान में आग लगाने वालों की जानकारी भी जुटाई जा रही है।
लोग बोले- चौराहे पर शराबियों की भीड़ रहती है
मौके पर मौजूद लोगों का कहना था कि जब से गांव में शराब दुकान खुली है, तब से चौराहे पर शराबियों की भीड़ रहती है। पंचायत पास में ही है। अब यहां महिलाएं काम से आ नहीं सकतीं। गांव की बच्चियों को भी स्कूल जाने के लिए यहां से होकर गुजरना पड़ता है।