BJP के पूर्वमंत्री पारस जैन समेत 8 अफसरों पर भ्रष्टाचार का केस, विधायक निधि से डेढ़ करोड़ से निजी काम कराया, 2 बीघा सरकारी पर कब्जा
उज्जैन। भाजपा के पूर्व मंत्री पारस जैन समेत आठ लोगों पर मंगलवार को लोकायुक्त में भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है। इनमें उज्जैन उत्तर से पूर्व विधायक, लोक निर्माण विभाग के 6 अफसर और जिला सांख्यिकी अधिकारी शामिल हैं। जैन पर अफसरों की साठगांठ से विधायक निधि से डेढ़ करोड़ का निजी काम कराने और दो बीघा सरकारी जमीन पर कब्जा करने का आरोप है। पूर्व मंत्री ने पद के दुरुपयोग से इनकार किया है।
देवास के रहने वाले दिनेश चौहान ने कुछ दिन पहले लोकायुक्त में शिकायत की थी। मामला 2021 का है। बताया- पारस जैन ने विधायक रहते पांड्याखेड़ी गांव स्थित पिल्याखाल नाले के पास लगी करीब 15 बीघा कृषि जमीन अपनी पत्नी अंगूरबाला जैन के नाम से 80 लाख में खरीदी। उन्होंने नाले से लगी दो बीघा सरकारी जमीन पर भी कब्जा कर लिया। इसी जमीन पर 81 लाख रुपए विधायक निधि से नाले की तरफ से लेकर कृषि भूमि के चारों ओर बाउंड्री वॉल करवा ली।
दो बाउंड्री वॉल की निर्माण एजेंसी PWD को बनाया
लोकायुक्त निरीक्षक बसंत श्रीवास्तव ने बताया कि तत्कालीन विधायक पारसचन्द्र जैन ने नाले के पास दीवार बनाने के लिए 2020-2021 में 89.18 लाख रुपए विधायक निधि स्वीकृत किए थे। इससे 75 मीटर दीवार बनाई गई।
इसके बाद 80 मीटर दीवार निर्माण के लिए 99 लाख 90 हजार रुपए फिर स्वीकृत किए। इसके लिए निर्माण एजेंसी पीडब्ल्यूडी को बनाने के संबंध में तत्कालीन कलेक्टर से अनुशंसा की।
पूर्व विधायक ने 2023-2024 में मिले आवंटन में से इसी नाले पर बने पुल की 30.50 मीटर बाउंड्री वॉल के निर्माण के लिए 44.76 लाख रुपए स्वीकृत किए। इसका काम भी PWD को सौंपे जाने के लिए कलेक्टर से अनुशंसा की। हालांकि इस राशि से अभी काम किया जाना बाकी है। कलेक्टर कार्यालय में (योजना एवं सांख्यिकी) ने लोक निर्माण विभाग को काम सौंप दिया।
लोकायुक्त जांच में मिली अनियमितता
लोकायुक्त निरीक्षक ने बताया कि जांच में पाया कि नाले की दीवार निर्माण से सार्वजनिक हित नहीं जुड़ा था। पारस जैन ने दीवार अपनी जमीन पर बनाई। खुद के फायदे के लिए दीवार की ऊंचाई ज्यादा कर दी गई। इसमें निर्माण एजेंसी पीडब्ल्यूडी और सांख्यिकी अधिकारी ने सहयोग किया।
ये अधिकारी बनाए आरोपी
लोकायुक्त ने तत्कालीन विधायक पारस चंद्र जैन, PWD के तत्कालीन अधीक्षण यंत्री राजेन्द्र कुमार जैन, तत्कालीन ईई जीपी पटेल, कार्यपालन यंत्री गौतम अहिरवार, अनुविभागीय अधिकारी संदीप बेनीवाल, PWD के उपयंत्री शरद त्रिपाठी व एक अन्य पर केस दर्ज किया गया है। इनके अलावा जिला सांख्यिकी अधिकारी डॉ. राजश्री सांकले पर भी मामला दर्ज किया है।
सभी आरोपियों के खिलाफ धारा 7, 13 (1) ए. 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधन 2018) व 420, 120बी आईपीसी के तहत केस दर्ज जांच में लिया है।
पूर्व मंत्री बोले- पद का लाभ नहीं उठाया
पूर्व मंत्री पारस जैन ने कहा कि खिलचीपुर के यहां एक नाला छोटा था। वह रपटा जैसा था। आज से 15 साल पहले मैंने ही नाले को ऊंचा करने का प्रस्ताव दिया था। नाले से लगी दीवार बनी है। दीवार विधायक निधि से जरूर बनी है, लेकिन पद का अनुचित लाभ नहीं उठाया है।