ज्योतिष परोपकार का माध्यम, कमाई का जारिया नहीं, सिद्धि ज्योतिष केंद्र का दीक्षांत समारोह

भोपाल। भोपाल में सिद्धि ज्योतिष केंद्र ओंकार पीठ की ओर से दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम में 30 प्रशिक्षणार्थियों को ज्योतिष श्री की उपाधि दी गई। इनमें मुरैना जिले के हितेंद्र शर्मा भी शामिल हैं। डॉ. राजेश कुमार मिश्रा ने सभी से दीक्षा संकल्प कराया।
कार्यक्रम स्थित आयोग्य भारती के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित किया गया। इस दौरान मुख्य अतिथि स्वामी रामप्रवेश जी महाराज, आचार्य रमेश त्रिपाठी, संस्कृत विद्यालय, गुफा मंदिर, भोपाल, विशिष्ट अतिथि आशीष पांड्या, उज्जैन से ज्योतिषाचार्य और पांडित्य, विशिष्ट अतिथि पं. रमेश शर्मा, कथावाचक एवं विचारक, अध्यक्ष राजेश दुबे, प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य मौजूद रहे।
समारोह की शुरुआत मां सरस्वती और गणेशजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण व पूजा अर्चना से हुई। अतिथियों का स्वागत कर स्मृति चिन्ह, श्रीफल व पादप भेंट किए गए।
Convocation of Siddhi Jyotish Kendra In Bhopal
भगवान की कृपा है ज्योतिष
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि स्वामी रामप्रवेश जी महाराज ने कहा कि ज्योतिष के भगवान के नेत्रों के समान है। सनातन में जन्मों के कर्मफल का विचार किया जाता है। उन्होंने एक किस्से के जरिए ज्योतिष का प्रभाव बताया। ज्योतिष कमाई का जरिया नहीं है, बल्कि समाज सेवा और राष्ट्रहित के लिए है।

ज्योतिष का अभ्यास करना चाहिए
अध्यक्षीय उद्बोधन में राजेश दुबे ने कहा कि ज्योतिष से हम जड़ चेतन, प्रकृति, पशु, नदियों, बारिश, भूकंप की गणना कर सकते हैं। प्राचीन समय में लोग ज्योतिषी के पास फल-फूल और दक्षिणा लेकर जाते थे। आज भी कुछ ज्योतिषी ऐसी दक्षिणा लेते हैं। उन्होंने बताया कि ज्योतिष में कर्मकांड के तीन भाग होते हैं – तंत्र, मंत्र और यंत्र। इनमें प्रवीणता प्राप्त के बाद ही ज्योतिषी सफल बन सकता है। नए प्रशिक्षणार्थियों को धैर्यपूर्वक अभ्यास करना चाहिए।
प्रशिक्षणार्थियों ने बताए अनुभव
प्रक्षिणार्थी सुषमा दुरापे ने बताया कि इस केंद्र ने ज्योतिष को घर-घर तक पहुंचाया है। यहां छात्रों ने पंचांग देखना, ग्रहप्रवेश, भाव, राशियां, दशा, महादशा, सूक्ष्म दशा और रत्नों के बारे में जानकारी हासिल की।
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प्रक्षिणार्थी शाम्भवी दुबे ने बताया कि ज्योतिष के पंचम भाव के माध्यम से कॅरियर में समझा जाता है। यह शिक्षा नि:शुल्क दी गई है। कोई भी व्यक्ति इस शिक्षा को प्राप्त कर सकता है, जिसके लिए रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है।
अनमोल बिहारिया ने कहा कि गुरु सूर्य के समान हैं। शिष्य सूर्यांश के समान होते हैं। डॉ. राजेश मिश्रा और डॉ. अभय मिश्र ने गणितीय गणनाओं का मार्गदर्शन किया।

जातक के विकास में सहायक
डॉ. राजेश कुमार मिश्रा ने बताया कि संस्थान की शुरुआत 1995 में प्रहलाद पांड्या द्वारा की गई थी। इसमें ज्योतिष का पठन-पाठन शुरू किया गया। गुरु के बाद यह अठारहवां दीक्षांत समारोह है। संस्थान में पूजा पद्धति और ज्योतिष कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है। यह व्यक्ति के सर्वांगीण विकास में सहायक है।
कई लोगों को किया सम्मानित
समारोह में गुफा मंदिर के पं. ईश्वर प्रसाद शास्त्री, ज्योतिषाचार्य अरविंद भारद्वाज, ई. मनोज पौराणिक, समाजसेवी सुरेंद्र शर्मा, संस्कृति बचाओ मंच के पं. चंद्रशेखर तिवारी, पं. शशि शर्मा, पं. किशन लाल शर्मा, ई. ओ.पी. चौधरी, श्री महेश, पं. रामबाबू शर्मा और पं. मोहन शर्मा को सम्मानित किया गया।
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संचालन डॉ. बृजेश रिछारिया ने किया। आभार डॉ. अभय मिश्रा ने माना। आगामी ज्योतिष कक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू किए गए हैं। 30 मार्च से नया बैच शुरू होगा।