नवरात्रि की शुुरुआत में जारी हो सकती है कांग्रेस की पहली सूची, 130 नाम तय, 89 विधायकों को दोबारा मौका, 6 के कट सकते हैं टिकट
भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस प्रत्याशियों की पहली सूची नवरात्रि की शुरुआत में जारी कर सकती है। माना जा रहा है कि इस सूची में 110 से 130 सीटें शामिल होंगी। वहीं दूसरी सूची में 80 नाम हो सकते हैं। अगले दो दिन नई दिल्ली में मैराथन बैठकें होंगी। सभी 230 सीट पर दो सूचियों में नाम तय करने की तैयारी है।
77 साल से पीसीसी चीफ कमलनाथ भी चुनाव मैदान में है। यह उनका आखिरी दांव हो सकता है। वे छिंदवाड़ा से ही लड़ेंगे। दिमनी से विधायक रविंद्र सिंह तोमर के नाम पर चर्चा है।
वर्तमान में कांग्रेस के 96 विधायक हैं। इनमें से छह विधायकों को इस बार प्रत्याशी बनाए जाने पर संशय है। वहीं, 89 विधायकों को दोबारा मौका मिल सकता है।
- आरिफ अकील, भोपाल उत्तर: उम्र 71 साल। बीमारी के कारण खुद चुनाव नहीं लड़ना चाहते। अपनी सीट पर बेटे आतिफ अकील को उतारना चाहते हैं। हालांकि, इस फैसले में आरिफ के भाई आमिर आड़े आ रहे हैं। आमिर अपने भाई की सीट पर चुनाव लड़ना चाहते हैं।
- टामलाल रघुजी सहारे, कटंगी: उम्र 76 साल। टामलाल ने पार्टी को चुनाव न लड़ने की बात कही है। टामलाल 1993 में पहली बार विधायक बने। 1998 में दूसरी बार और 2018 में तीसरी बार विधायक बने थे।
- अजब सिंह कुशवाह, सुमावली: मौजूदा विधायक को न्यायालय से दो साल की सजा हो चुकी है। उन पर रियल एस्टेट कारोबार में धोखाधड़ी के गंभीर आरोप हैं। ऐसे में कांग्रेस नए चेहरे पर दांव लगा सकती है।
- पांचीलाल मेड़ा, धरमपुरी: धार जिले की धरमपुरी सीट से विधायक पांचीलाल मेड़ा 2008 में पहली बार विधायक बने थे। 2018 में वे फिर धरमपुरी सीट से विधायक बने। कांग्रेस के सर्वे में उनकी रिपोर्ट ठीक नहीं है। ऐसे में उनकी जगह किसी और चेहरे को उतारा जा सकता है।
- शिवदयाल बागरी, गुन्नौर: पन्ना जिले की गुन्नौर सीट से पहली बार के विधायक शिवदयाल बागरी की रिपोर्ट सर्वे में अच्छी नहीं मिली। लिहाजा, इस सीट पर बदलाव हो सकता है।
- सुरेश राजे, डबरा: मौजूदा विधायक सुरेश राजे कई बार विवादों में आ चुके हैं। उनके कई वीडियो भी सामने आए हैं। ऐसे में पार्टी इस सीट पर बदलाव कर सकती है।
झाबुआ से कांतिलाल बेटे विक्रांत को लड़ाना चाहते हैं
झाबुआ सीट से वर्तमान विधायक और पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया खुद विधानसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहते। कांतिलाल अपने बेटे विक्रांत को इस सीट से चुनाव लड़ाना चाहते हैं। विक्रांत वर्तमान में युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं। इस सीट से विक्रांत का नाम लगभग तय माना जा रहा है।
दिल्ली में दो दिन मैराथन बैठकें
दिल्ली में दो दिन कांग्रेस की मैराथन बैठकें होंगी। इनमें पहली सूची के नामों को फाइनल किया जाएगा। कुछ विधायकों की सीटों को बदलकर दूसरे मजबूत दावेदारों को मौका देने पर भी चर्चा है। इनमें भोपाल जिले की दक्षिण-पश्चिम सीट से मौजूदा विधायक पीसी शर्मा को नरेला शिफ्ट करने और दक्षिण-पश्चिम में संजीव सक्सेना को उतारने पर भी विचार चल रहा है। इसी तरह, छतरपुर जिले की राजनगर सीट से वर्तमान विधायक कुंवर विक्रम सिंह नातीराजा को बिजावर शिफ्ट करने की चर्चा है। राजनगर सीट से कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे सत्यव्रत चतुर्वेदी की बेटी निधि को उतारने पर विचार चल रहा है।
बाहरी नेताओं को टिकट नहीं
प्रत्याशी चयन को लेकर कुछ क्राइटेरिया भी फिक्स किए गए हैं। मध्यप्रदेश कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष भंवर जितेंद्र सिंह ने कहा कि सबसे बड़ा क्राइटेरिया तो विनेबिलिटी (जीतने की योग्यता) है। तीन बार हारे नेताओं को टिकट नहीं। विधायक अपनी सीट नहीं बदल पाएंगे। जिले के बाहर के नेता को टिकट नहीं मिलेगा।