जबलपुर में CM को काले झंडे दिखाने से पहले कांग्रेसी गिरफ्तार; शिवराज बोले- गांव वाला अंग्रेजी में कोर्ट के फैसले नहीं पढ़ सकता, यह विसंगति
जबलपुर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि गांव का व्यक्ति अंग्रेजी में दिए कोर्ट के फैसले को नहीं पढ़ सकता। यह बड़ी विसंगति है। शिवराज सिंह रविवार को हाईकोर्ट के नजदीक महाधिवक्ता भवन का भूमि पूजन करने जबलपुर पहुंचे थे।। पुलिस ने कार्यक्रम से पहले यहां सीएम को काले झंडे दिखाने के लिए खड़े 8 से 10 कांग्रेसियों को गिरफ्तार किया। 35 करोड़ की लागत से बनने वाला महाधिवक्ता कार्यालय 8 मंजिला और सर्व सुविधायुक्त होगा।
कार्यक्रम के दौरान सीएम शिवराज ने कहा- अंग्रेजों के जमाने के कई ऐसे कानून, जिनकी आज आवश्यकता नहीं है, उन्हें प्रधानमंत्री ने निरस्त किया। हमने भी मध्यप्रदेश में ऐसे कानूनों को समाप्त किया। बड़ी विसंगति है कि गांव का व्यक्ति कोर्ट के फैसले को नहीं पढ़ सकता, अगर फैसला अंग्रेजी में है तो…। बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जो अंग्रेजी नहीं जानते। मैं अंग्रेजी का विरोध नहीं कर रहा। अंग्रेजी का अपना महत्व है, लेकिन मैं मध्यप्रदेश के संदर्भ में बात कर रहा हूं।
1840-50 के कानून निरस्त किए
सीएम ने कहा- जो चीजें साल 1840-50 में प्रासंगिक थीं, वो आज नहीं हैं। प्रधानमंत्री ने अमृतकाल में मंत्र दिया ‘अमृतकाल में न्याय की व्यवस्था’। इसके 6 मुख्य स्तम्भ हैं। सभी के लिए न्याय, आसान न्याय, त्वरित न्याय, सस्ता न्याय, गुणवत्तापूर्ण न्याय और आम आदमी को समझ में आने वाली भाषा में न्याय। मेरा विचार है कि एडवोकेट जनरल कार्यालय के बाद हाईकोर्ट की एनेक्सी बिल्डिंग का भी निर्माण होना चाहिए।
नर्मदा एक्सप्रेस वे बनाना मेरा ड्रीम
सीएम ने कहा- मेरा ड्रीम है कि प्रदेश में नर्मदा एक्सप्रेस वे बने। इसको मैं पूरा करके रहूंगा। प्रदेश में पूर्व से पश्चिम को प्रदेश को चीरते हुए नर्मदा एक्सप्रेस वे बनाया जाएगा। इसकी डिजाइन तैयार हो चुकी है। इस एक्सप्रेस वे मात्र सड़क नहीं होगी। दोनों तरफ इंडस्ट्रियल एरिया, टाउनशिप डेवलप किए जाएंगे।
सीएम बोले- गड्ढे पर सड़क…सड़क पर गड्ढे होते थे
सीएम ने कहा कि कभी मध्यप्रदेश बीमारू राज्य था, लेकिनअब टॉप टेन में शामिल है। बिना सड़क के समृद्धि नहीं आ सकती। सीएम ने कांग्रेस की सरकार पर चुटकी लेते हुए कहा, पहले सड़क में गड्ढे और गड्ढे में सड़क होती थी। वहीं, जब किसान की फसल कट जाती थी, तब लोग निकलने के लिए सड़क का नहीं खेत का इस्तेमाल करते थे। वहीं, अब मध्यप्रदेश में चार लाख किलोमीटर सड़कें बनाई गई हैं।