छिंदवाड़ा में कांग्रेस ने निकाली रैली, नकुलनाथ ने भरा पर्चा; सीधी से कमलेश्वर, बालाघाट से सम्राट ने भी किया नामांकन

भोपाल। मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए मंगलवार को नामांकन पत्र भरे गए। इस दिन कांग्रेस के चार छिंदवाड़ा से नकुलनाथ, बालाघाट से सम्राट सिंह सारस्वत, सीधी से कमलेश्वर पटेल ने पर्चा भरा।
ओमकार सिंह मरकाम कल पार्टी नेताओं के साथ जाकर पर्चा दाखिल करेंगे। इसी तरह, शहडोल से कांग्रेस प्रत्याशी फुंदेलाल मार्कों और जबलपुर से दिनेश यादव भी बुधवार को नामांकन भरेंगे।
पहले चरण के नामांकन फॉर्म जमा करने का बुधवार अंतिम दिन है। इस दिन दोपहर 3 बजे तक नामांकन भरे जा सकेंगे।
नामांकन के बहाने कांग्रेस का शक्ति प्रदर्शन
छिंदवाड़ा में नकुलनाथ ने मंगलवार को नामांकन के बहाने कांग्रेस ने शक्ति प्रदर्शन किया। रैली में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष भी मौजूद रहे। पहले, नकुलनाथ ने शिकारपुर के हनुमान मंदिर में दर्शन किए। उनके साथ पूर्व सीएम कमलनाथ, मां अलकानाथ और पत्नी प्रियानाथ भी थीं। वे रैली निकालकर नामांकन भरने पहुंचे। इसके बाद सभा भी की।

नकुलनाथ ने कहा कि नाथ परिवार और छिंदवाड़ा के लोगों का पारिवारिक संबंध है। जब भाजपा की सरकार ताली और थाली बजाने का काम दे रही थी, तब छिंदवाड़ा ऐसा जिला था, जहां ऑक्सीजन सिलेंडर और इंजेक्शन की कमी नहीं थी।
नेता प्रतिपक्ष बोले- मुझे 50 करोड़, मंत्री पद का ऑफर दिया
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर कहा- अब तो सिंधिया गद्दार हो गए हैं। जब मैंने सिंधिया से बात की- आप क्या चाहते हो? बोले- मैं लोकसभा चुनाव हार गया, मेरे से 27 नंबर की कोठी छीन ली जाएगी, मैं कहां रहूंगा?
सिंघार ने कहा, एक कोठी के कारण आपने कांग्रेस को धोखा दे दिया। झांसी के लोग ग्वालियर के महाराज को गद्दार कहते हैं। मुझे भी खरीदने की कोशिश की गई। 50 करोड़ और मंत्री पद का ऑफर आया, लेकिन मैं सच्चा आदिवासी हूं।

सीधी में कमलेश्वर पटेल बोले- भाजपा लोकतंत्र की हत्या कर रही
सीधी लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने मंगलवार को नामांकन जमा किया। पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह भी उनके साथ मौजूद रहे। नामांकन के बाद उन्होंने जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भाजपा लोकतंत्र की हत्या कर रही है। कांग्रेस पार्टी के खातों को फ्रिज कर दिया गया है, ताकि वह उन पैसों का उपयोग न करें। हम बिना पैसों के चुनाव लड़ रहे हैं और जीतेंगे।