Tuesday, July 8, 2025
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पंडित धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ मुंबई में शिकायत, जबलपुर में साईं बाबा पर कहा था- गीदड़ की खाल पहनकर शेर नहीं बन सकता

बागेश्वर धाम के पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के खिलाफ मुंबई पुलिस में शिकायत की गई है। शास्त्री पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप है। शिकायत बांद्रा पुलिस स्टेशन में शिवसेना (उद्धव गुट) युवा सेना के नेता और शिर्डी साईं संस्थान के पूर्व ट्रस्टी राहुल कनाल ने की है।

शास्त्री ने शिर्डी के साईं बाबा पर जबलपुर में कथा के दौरान कहा था- गीदड़ की खाल पहनकर कोई शेर नहीं बन सकता। भाजपा विधायक सुशली इंदु तिवारी ने जबलपुर में 25 से 31 मार्च तक उनकी कथा करवाई थी।

बता दें, 10 दिन पहले राजस्थान के उदयपुरमें में भी शास्त्री पर भड़काऊ बयान देने के आरोप में केस दर्ज किया गया था। धर्मसभा में उन्होंने लोगों से आह्वान करते हुए कहा था कि राजसमंद जिले के कुम्भलगढ़ किले में जो 100 हरे झंडे लगे हैं, वहां भगवा झंडा लगवाओ।

शास्त्री ने कहा- साईं बाबा संत हो सकते हैं, भगवान नहीं

पनागर में कथा के दौरान धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री प्रबुद्धजनों से चर्चा कर रहे थे। डॉ. शैलेंद्र राजपूत ने उनसे पूछा- हिंदुस्तान में बहुत साईं भक्त हैं। सनातन साईं की पूजा को नकारता दिखाई देता है, जबकि साईं की पूजा सनातनी पद्धति से होती है।

इस पर शास्त्री ने कहा- सर्वोच्च गुरु शंकराचार्य ने साईं बाबा को देवता का स्थान नहीं दिया था। शंकराचार्य हिंदू धर्म के प्रधानमंत्री हैं, इसलिए हर सनातनी को उनकी बात मानना जरूरी है। कोई भी संत चाहे हमारे धर्म का हो, दूसरे पंथ का या तुलसीदास और सूरदास ही क्यों नहीं हों, ये लोग महान संत हो सकते हैं, युग पुरुष हो सकते हैं, लेकिन भगवान नहीं हो सकता।

लोगों की निजी आस्थाएं हैं। साईं बाबा संत हो सकते हैं, फकीर हो सकते हैं, भगवान नहीं हो सकते। गीदड़ की खाल पहनकर कोई शेर नहीं बन सकता। आप किसी भी प्रकार का आवरण लगा लो, तो वो नहीं होगा। बागेश्वर धाम सरकार अगर मान लें कि हम शंकराचार्य का छत्र लगा लें, सिंहासन लगा लें, हम कह दें कि हां, भई शंकराचार्य बैठे हैं, तो क्या हम बन जाएंगे। नहीं बन सकते।

साईं के प्रति हमारा क्या आदर है, आप इसमें मत पड़ना, न हमसे पूछना। हम इतना कहते हैं कि जिसकी जैसी और जितनी आस्था है, रखनी चाहिए, पर साईं भगवान नहीं हैं, ऐसा हमारे शंकराचार्य कहते हैं। जहां तक वैदिक रीति-रिवाज से पूजा का सवाल है तो घर वापसी का तो ये हमारा अभियान है।

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