Sunday, June 8, 2025
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ब्राह्मण महाकुंभ में CM का ऐलान- परशुराम जयंती पर होगी सरकारी छुट्‌टी, संस्कृत स्कूल के बच्चों को 8 से 10 हजार रुपए

भोपाल। मध्यप्रदेश में अब भगवान परशुराम जयंती पर सरकारी छुट्‌टी रहेगी। संस्कृत विद्यालय के 1 से 5 तक के विद्यार्थियों को 8 हजार रुपए, 6 से 12 तक के विद्यार्थियों को 10 हजार रुपए दिए जाएंगे। साथ ही, जिन मंदिरों के पास कृषि भूमि नहीं है, वहां के पुजारियों को 5 हजार रुपए हर महीने दिए जाएंगे।

इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया। वे रविवार को भोपाल के जंबूरी मैदान में आयोजित ब्राह्मण महाकुंभ में संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में प्रदेशभर के समाज के लोग इकट्‌ठे हुए। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि पाठ्य पुस्तकों में भगवान परशुराम जी की गाथा पढ़ाई जाएगी। मंदिरों की जमीन कलेक्टर (कोली/बटिया) के बजाय पुजारी नीलाम करेंगे। ब्राह्मण आयोग के गठन की मांग पर कहा, इसके लिए डिस्कस करेंगे। भोपाल में समाज के बच्चों के लिए छात्रावास की मांग पर सीएम ने कहा कि उपलब्धता के आधार पर जमीन की व्यवस्था की जाएगी।

समाज के लोगों को विधानसभा चुनाव में टिकट की मांग पर CM बोले- ये अध्यक्ष जी जानें। लेकिन, पर्याप्त नेतृत्व रहे, इस बात की चिंता मैं भी करूंगा। मुख्यमंत्री ने मंदिरों के सर्वे कराने की मांग भी स्वीकार की। सीएम ने कहा- मध्यप्रदेश में लव तो चल सकता है, लेकिन जिहाद नहीं चलने दिया जाएगा। ऐसी हरकत करने वाले नेस्तनाबूद कर दिए जाएंगे। ऐसी चीजें हम मध्यप्रदेश की धरती पर नहीं होने देंगे।

जगद्गुरु शंकराचार्य बोले- मंदिर का अधिग्रहण नहीं कर सकती सरकार

ब्राह्मण महाकुंभ में द्वारिकापीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती महाराज भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि मंदिरों पर शासन करने का अधिकार सरकार को नहीं है। धर्मनिरपेक्ष सरकार किसी भी मंदिर का अधिग्रहण कैसे कर सकती है? ब्राह्मणों में अनेकता होने के कारण दूसरे लोग आप पर शासन करते हैं। जिस समाज में सभी नेता बन जाते हैं, वो समाज उत्थान नहीं कर पाता। ब्राह्मण हर पार्टी में चला गया है। अब दलगत राजनीति से ऊपर उठकर समाज का उत्थान करें।

BJP प्रदेशाध्यक्ष बोले- लव जिहाद पर मंथन जरूरी

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि ब्राह्मण समाज कमजोर नहीं है। देश में शासन व्यवस्था को दिशा देने का काम ब्राह्मण ने किया है। लव जिहाद के बारे में गंभीरता से मंथन करने की जरूरत है। धर्म संस्कृति के लिए हमें परिवारों को संभालने की जरूरत है। ऐसे आतातायी लोग, जो समाज के अंदर ऐसी चीजें करते हैं, ब्रह्म समाज के लोगों को इसके लिए ताकत के साथ खड़ा होने की जरूरत है। नहीं तो हम केवल भाषण देते रहेंगे, नीचे जमीन खत्म हो जाएगी।

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