CM शिवराज का ऐलान- डॉ. अंबेडकर की जन्मस्थली तीर्थ दर्शन योजना में शामिल, 3.5 एकड़ में बनेगी धर्मशाला
इंदौर/महू। संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की 132वीं जयंती पर इंदौर के महू में जन्मस्थली पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें शामिल होने राज्यपाल मंगुभाई पटेल, सीएम शिवराज सिंह चौहान पहुंचे। सीएम ने कहा कि अंबेडकर की जन्मस्थली को तीर्थ दर्शन योजना में शामिल कर लिया गया है। इसके आदेश भी जारी कर दिए गए।
सीएम ने कहा कि यहां साढ़े तीन एकड़ जमीन पर धर्मशाला बनाई जाएगी। इसके कागजात भी भंतेजी को सौंपे। इस पर पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि शिवराज यहां भी झूठ बोलते हैं। वे कई बार कह चुके हैं कि बाबा साहेब के नाम पर पंच तीर्थ बनाएंगे, लेकिन आज तक नहीं बनाया। कमलनाथ ने स्मारक पर पहुंचकर बाबा साहेब को याद किया।
महू के अलावा अंबेडकर की दीक्षा भूमि अंबेडकर ग्रंथालय एवं शोध केंद्र नागपुर, परिनिर्वाण भूमि अंबेडकर राष्ट्रीय स्मारक दिल्ली, चैत्य भूमि अंबेडकर स्मारक इंदुमिल कंपाउंड मुंबई और संत रविदास मंदिर वाराणसी को पंचतीर्थ नाम दिया है। पंचतीर्थ को मुख्यमंत्री तीर्थ योजना में शामिल किया गया है।
सीएम ने भंतेजी को सौंपे जमीन के कागज
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने यहां पहुंचकर बाबा साहेब को नमन किया। उन्होंने कहा कि एक जमाना था यहां स्मारक नहीं था। मुझे कहते हुए गर्व है कि हमें यहां स्मारक बनाने का सौभाग्य मिला है। पिछली बार मांग की थी कि यहां धर्मशाला या गेस्ट हाउस का निर्माण करा सकें। इसके लिए रक्षा विभाग ने 3.5 एकड़ जमीन के लिए NOC दे दी है। यह जमीन हमने समिति को देने का फैसला किया है। मैं जमीन के कागज सौंप रहा हूं। सीएम ने मंच पर ही जमीन के अधिग्रहण की मंजूरी के कागज भंतेजी को सौंप दिए। इस दौरान सीएम ने कहा कि आप यहां निर्माण शुरू कराएं।
सीएम ने कहा कि तीर्थ दर्शन योजना में पंच तीर्थ को शामिल किया है। महू में बाबा साहब की जन्म भूमि, नागपुर में दीक्षा भूमि, लंदन की शिक्षा भूमि, दिल्ली में परिनिर्वाण भूमि और मुंबई में दर्शन कराएंगे।
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। राज्यपाल ने कहा कि बाबा साहेब के तीन देवता थे। पहला न्याय, ज्यादा से ज्यादा न्याय प्राप्त करो। दूसरे देवता थे स्वाभिमान, बाबा साहब को पढ़ाई के दौरान कहा गया था कि आपको 13 पीरियड लेना है, लेकिन उन्होंने कहा मुझे समाजसेवा भी करना है। मैं चार पीरियड लूंगा। तीसरे देवता थे शील, वे कई बार विलायत गए, उन्होंने अपने जीवन कक्ष में लिखा है कि कभी शराब नहीं पी। सिगरेट नहीं पी। डॉ. अंबेडकर के जो अनुयायी हैं, उन्हें भी बाबा साहेब के तीनों देवताओं का अनुसरण करना चाहिए। बाबा साहेब के जीवन से कुछ न कुछ ग्रहण करना चाहिए।
अंबेडकर जयंती पर पहली बार 154 कैदी हुए रिहा
डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती पर मध्यप्रदेश की जेलों में उम्रकैद काट रहे154 बंदियों को रिहा किया गया हैं। इनमें 5 महिलाएं हैं। भोपाल केंद्रीय जेल से 16 बंदी रिहा किए, जिनमें दो महिलाएं हैं। मप्र सरकार ने इसके आदेश दिए। केंद्रीय जेल अधीक्षक भोपाल राकेश भांगरे ने बताया कि भोपाल जेल से रिहा किए सभी बंदी हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे। इनके अच्छे आचरण की वजह से उन्हें रिहा किया गया। अभी तक 15 अगस्त, 26 जनवरी को रिहाई की प्रथा रही है।