CM का ऐलान- अयोध्या की तरह डेवलप होगा चित्रकूट, कहा- जहां से भगवान राम गुजरे, वे स्थान सड़क मार्ग से जुड़ेंगे

सतना। राम वन गमन पथ को लेकर मुख्यमंत्री डाॅ. मोहन यादव ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि चित्रकूट को अयोध्या की तरह ही डेवलप किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उन सभी स्थानों को सड़क मार्ग से जोड़ने का काम करेगा जहां से भगवान राम गुजरे हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को चित्रकूट में श्रीराम पथ गमन न्यास की पहली बैठक ली। उन्होंने भगवान राम के वन गमन से जुड़े 8 जिलों में कराए जाने वाले कार्यों को लेकर चर्चा की। ग्रामोदय विश्वविद्यालय में हुई बैठक में शामिल होने मुख्यमंत्री दिल्ली से चित्रकूट पहुंचे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा- इसकी कार्य योजना बनाकर चरणबद्ध तरीके से लागू करेंगे। इसमें अधोसंरचना विकास के कार्यों के साथ-साथ धार्मिक चेतना, आध्यात्मिक विकास और राम कथा से जुड़े आयामों को भी शामिल करेंगे।
जल्द ही इस रोडमैप को अमल में लाने के लिए अधिकारी काम शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि चित्रकूट में दिवाली और अमावस्या मेले में प्रदर्शनी लगाएं। इसमें राम वन पथ गमन से जुड़ी जानकारियां प्रदर्शित कराएं।
प्राथमिकता में ये काम होंगे
श्रीरामचंद्र वनगमन पथ न्यास की बैठक के एजेंडे में प्रसाद योजना के अंतर्गत अमरकंटक में काम कराए जाने वाले काम शामिल थे। साथ ही, चित्रकूट में कामदगिरि परिक्रमा पथ और अन्य प्रस्तावित काम कराए जाएंगे। बृहस्पति कुंड के लिए तय काम होंगे। मंदाकिनी नदी के लिए चित्रकूट में घाटों का विकास कराया जाना है। इसकी डीपीआर और अन्य कार्यों को लेकर चर्चा की गई। साथ ही, लीला गुरुकुल प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना का प्रस्ताव भी शामिल था।
11 विभागों की मुख्य भूमिका
मध्यप्रदेश सरकार ने श्री रामचंद्र वनगमन पथ न्यास का गठन किया है। इसमें सरकार के 11 विभागों की मुख्य भूमिका है। 5 संभागायुक्त और 8 जिलों के कलेक्टर को भी न्यासी सदस्य घोषित किया है।
साल 2009 में तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने राम वन गमन पथ विकसित करने का ऐलान किया था। लेकिन, इस पर अमल नहीं हो सका। यही नहीं, उन्होंने विधानसभा चुनाव के पहले वनवासी राम लोक बनाने की घोषणा की थी, जिसका काम भी शुरू नहीं हुआ है।
इन विभागों के सदस्य हैं न्यासी
श्री रामचंद्र वनगमन पथ न्यास की बैठक मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई है। बैठक में संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) को उपाध्यक्ष बनाया है। संस्कृति संचालनालय ने 12 जनवरी 2024 को गठित कमेटी में प्रमुख सचिव संस्कृति विभाग को न्यासी सचिव घोषित किया है।