Saturday, July 5, 2025
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छत्तीसगढ़ में चुनाव से पहले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बदलना लगभग तय, दीपक बैज को दिल्ली बुलावा

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से ठीक सात महीने पहले कांग्रेस में बड़ा बदलाव हो सकता है। बस्तर के सांसद दीपक बैज को दिल्ली बुलाया गया है। वहीं, दिल्ली में सीएम भूपेश, प्रियंका और राहुल गांधी की बैठक हुई।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, मंत्री टीएस सिंहदेव, ताम्रध्वज साहू और चरणदास महंत मंगलवार को एक साथ दिल्ली गए। ऐसे में कहा जा रहा है कि प्रदेश कांग्रेस में बड़ा बदलाव हो सकता है। प्रदेश में सत्ता की कमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पास है, वहीं, संगठन मोहन मरकाम के हाथ है। साल 2018 में तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने सीएम की कुर्सी संभाली, तभी से नए अध्यक्ष की तलाश होने लगी थी। इसके लिए उस समय मनोज मंडावी, रामपुकार सिंह और अमरजीत भगत जैसे नेताओं के नाम सामने आए, लेकिन मोहन मरकाम के सहज और सरल आदिवासी चेहरे ने बाजी मार ली। लोकसभा चुनाव के बाद 28 जून 2019 को मोहन मरकाम को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया।

यहां से शुरू हुआ असहमतियों का दौर

दो साल तक गाहेबगाहे सीएम और पीसीसी अध्यक्ष के बीच मतभेद की खबरें आती रहीं। कई मामलों में असहमतियों की चर्चा भी आम हो गई। जानकारों के मुताबिक संगठन में नए पदाधिकारियों की नियुक्ति के समय सीएम भूपेश बघेल से मशविरा नहीं लिया गया। बताया गया कि साल 2018 में पार्टी के खिलाफ काम करने वालों को भी संगठन में बड़ा पद दे दिया गया। वहीं, निगम-मंडल में नियुक्तियों की जानकारी प्रदेश अध्यक्ष को नहीं दी गई। इसके अलावा, सत्ता के कई फैसलों में भी संगठन की राय नहीं ली गई।

इसलिए बदले जा सकते हैं मरकाम

छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष मोहन मरकाम का कार्यकाल पिछले साल ही खत्म हो गया है। उनकी जगह नया चेहरा लाने की बात कई दिनों से कही जा रही थी। इसकी खबर तो सभी को थी, लेकिन चुनाव से पहले तालमेल बिठाकर बदलाव टालने की कोशिश की जा रही थी। इस बीच, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात कर लौटे। उन्होंने संगठन में बदलाव को लेकर बयान दिया। तब से माना जा रहा था की मोहन मरकाम की छुट्टी तय है। इसके बाद छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में भी मोहन मरकाम ने डीएम फंड का मामला उठाकर अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।

सांसद दीपक बैज का दिल्ली बुलावा

बस्तर के बड़े आदिवासी चेहरों में से एक सांसद दीपक बैज को भी दिल्ली बुलाया गया है। दीपक बैज छत्तीसगढ़ के युवा विधायक रह चुके हैं। साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के दौरान जब कांग्रेस को 11 में से केवल दो सीटें ही मिली, तब बस्तर लोकसभा सीट से जीत हासिल की।

दीपक बैज और अमरजीत क्यों ?

बस्तर का प्रतिनिधित्व बरकरार रखने के लिए दीपक बैज को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है। बस्तर में विधानसभा की 12 सीटें हैं। सभी 12 सीटों में कांग्रेस काबिज है। अगर पार्टी मोहन मरकाम को प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाती है, तब बस्तर का प्रतिनिधित्व छिन जाने का नुकसान पार्टी को हो सकता है। इस सियासी नफा-नुकसान के गणित में दीपक बैज फिट बैठते हैं। बैज भी आदिवासी चेहरा हैं, चित्रकोट से विधायक रह चुके हैं। साफ-सुथरी छवि वाले दीपक बैज से विवाद भी जुड़ा नहीं है।

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