Friday, September 12, 2025
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चीता ओवान को ट्रैंकुलाइज कर वापस कूनो लाया गया, 5 दिन पहले निकला था

श्योपुर। 5 दिन पहले श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क से निकले चीता ओवान को ट्रैंकुलाइज कर वापस कूनो लाया गया है। चीता विशेषज्ञ और डॉक्टरों की टीम ने गुरुवार देर शाम एक खेत में चीते को ट्रैंकुलाइज किया। आज यानी शुक्रवार सुबह उसे वापस कूनो में छोड़ दिया है। चीता ओवान शिवपुरी जिले के जंगल की ओर बढ़ रहा था। वह रिहायशी इलाकों में पहुंच गया था।

कूनो प्रबंधन के अनुसार ट्रैंकुलाइज करने के लिए चीता की घेराबंदी की गई। चीते को इस तरह से घेरा गया कि वह निश्चित दिशा में भाग सके। उसी ओर इंजेक्शन लेकर बेहोश करने वाली टीम छुपकर खड़ी हो गई। जब चीता भागा तो उसे इंजेक्शन लगाकर बेहोश कर दिया। चीते के बेहोश होते ही वन अमला और डॉक्टर विशेषज्ञों की टीम उसके पास पहुंची। उसकी आंखों पर कपड़ा लगाया, फिर ड्रिप लगाई गई। ऑक्सीजन भी लगाया गया।

मौके पर प्राइमरी ट्रीटमेंट देकर, चीते को पिंजरे में डालकर कूनो में वापस लाया गया। चीते को डाबरपुरा गांव निवासी किसान मोहन यादव खेत से पकड़ा गया है। बता दें कि नामीबिया से 17 सितंबर को 8 चीतों को लाया गया था। इन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाड़े में रिलीज किया था। हाल ही में दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों की दूसरी खेप कूनो लाई गई थी।

दक्षिण अफ्रीका के एक्सपर्ट ने किया ट्रैंकुलाइज

चीता ओवान गुरुवार सुबह शिवपुरी के बैराड़ इलाके के डाबरपुरा और रामपुरा गांव के पास खेतों पर पहुंच गया था। वह दिन भर पेड़ के नीचे बैठा रहा। शाम 5 से 5:30 के बीच दक्षिण अफ्रीका के चीता एक्सपर्ट पहुंचे। उन्होंने इंजेक्शन गन तैयार की। धीरे-धीरे चीते के पास पहुंचकर निशाना लगाकर इंजेक्शन लगाया। चीता थोड़ा सा छटपटाया और बेहोश हो गया। फिर डॉक्टर और एक्सपर्ट ने ओवान की आंखों पर पट्टी बांधी। उसे ड्रिप और ऑक्सीजन लगाई। इसके बाद उसे मिलकर पिंजरे में डाल दिया।

स्ट्रेस के डर से नहीं कर रहे थे ट्रैंकुलाइज

चीता ओवान करीब 5 दिन पहले 2 अप्रैल को कूनो नेशनल पार्क से बाहर निकल गया था। पहले रविवार को उसे झार बड़ौदा इलाके में देखा गया। इसके बाद वह अलग-अलग रिहायशी इलाकों में दिखा। गुरुवार को चीता बैराड़ इलाके के डाबर पुरा गांव के पास खेतों में पहुंच गया था। शुरुआत में पता चला कि ट्रैंकुलाइज के कारण चीता को स्ट्रेस होगा, लेकिन दक्षिण अफ्रीका के चीता एक्सपर्ट और डॉक्टरों की टीम की मौजूदगी में ओवान को ट्रैंकुलाइज करके पिंजरे में डाला। इसके बाद कूनो में लाया गया।

धौरेट सरकार के जंगल में रह रही आशा

मादा चीता आशा भी कूनो नेशनल पार्क के रिजर्वेशन से पिछले 4 दिन से बाहर है। हालांकि, वह रिहायशी इलाकों के आसपास न होकर कूनो के बफर जोन इलाके में धौरेट सरकार के जंगल में ही है, जिस पर वन अमला लगातार निगरानी बनाए हैं।

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