भोपाल में बिजनेसमैन के बेटे की वाटर पार्क में डूबकर मौत, 9 साल का आरुष वीकेंड मनाने सीहोर गया था
भोपाल। भोपाल के पास सीहोर के क्रिसेंट वाटर पार्क में रविवार सुबह नौ साल का बच्चा डूब गया। वह परिजन के साथ वीकेंड मनाने आया था। स्वीमिंग पूल में खेलते-खेलते पानी में डूब गया। परिजन ने देखा तो अस्पताल लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। बच्चे की मौत के बाद माता-पिता ने बेटे के नेत्र दान कर दिए हैं।
भोपाल के रहने वाले गौरव राजपूत का पेपर ट्रेडिंग का बिजनेस है। रविवार सुबह वह पत्नी अर्चना, 9 साल के बेटे आरुष, 2 साल के बेटे आरव और अपनी भाभी के साथ क्रिसेंट वाटर पार्क गए थे। आरुष वाटर पार्क में कम पानी वाले हिस्से में तैर रहा था। गौरव ऊपरी हिस्से में स्लाइडर पर थे।
खेलते-खेलते आरुष पानी में डूब गया। मां अर्चना का ध्यान गया, तो उसे पानी से निकाला। पिता को आवाज लगाई। आरुष की मां का आरोप है कि हादसे के बाद वाटर पार्क प्रबंधन से फर्स्ट एड किट मांगी, लेकिन वह नहीं मिली।
पिता बोले- अच्छा टाइम बिताने गया था, मेरा बच्चा चला गया
गौरव राजपूत ने बताया कि आरुष भोपाल के साकेत नगर स्थित प्राइवेट स्कूल से तीसरी का छात्र था। संडे को क्वालिटी टाइम बिताने के इरादे से वाटर पार्क आए थे। बच्चा कम पानी वाले स्विमिंग पूल में एंजॉय कर रहा था। वहां अचानक बच्चा बेहोश हो गया। पता भी नहीं था कि जहां हम अच्छा टाइम बिताने के इरादे से आए, वहां से मेरा बच्चा हमेशा के लिए चला जाएगा।
उन्होंने कहा, हादसे के समय मौके पर लाइफ गार्ड नहीं था। मेरी पत्नी और वहां मौजूद लोगों ने बच्चे को निकाला। मदद के लिए चिल्लाते रहे, वाटर पार्क में प्रबंधन की ओर से जिम्मेदार नहीं आया। स्ट्रेचर तक नहीं था। किसी तरह से बच्चे को लेकर सिविल हॉस्पिटल पहुंचे। हम उसे रोशन रखना चाहते हैं। यही वजह है कि उसके नेत्र दान करने का फैसला लिया है।
मैनेजर बोले- लापरवाही के आरोप झूठे
क्रिसेंट वाटर पार्क के मैनेजर महिपाल ने बताया कि पार्क में हर स्वीमिंग पूल पर 5-6 गार्ड तैनात रहते हैं। हमारी स्वयं की एम्बुलेंस है। उसी से बच्चे को अस्पताल पहुंचाया था। लापरवाही के आरोप झूठे हैं। फिलहाल, पुलिस मामले की जांच कर रही है।