नर्मदापुरम में पहली बार रेत माफिया पर चला बुलडोजर; नायब तहसीलदार पर किया था पथराव
नर्मदापुरम। नर्मदापुरम में पहली बार रेत माफिया के अवैध निर्माण ढहा दिया गया। चार दुकानों पर बुलडोजर चला। सुबह करीब 6 बजे जेसीबी की आवाज सुनकर गांववालों की नींद खुली। रेत माफिया ने दो दिन पहले अफसरों पर पथराव किया था। प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद यह दूसरा बड़ा एक्शन है।
14 दिसंबर को शाम करीब 5.30 बजे नायब तहसीलदार कीर्ति प्रधान जमीन का सीमांकन का काम पूरा कर लौट रही थीं। इसी दौरान उन्हें पांजरा गांव में रेत से भरा ट्रैक्टर दिखा। ट्रैक्टर ड्राइवर की नजर जैसे ही नायब तहसीलदार पर पड़ी, वह रेत से भरी ट्रॉली को अलग कर ट्रैक्टर लेकर भाग गया। रेत जब्त करने के लिए नायब तहसीलदार ने माइनिंग इंस्पेक्टर पिंकी चौहान, कृष्णा परस्ते और प्राइवेट ट्रैक्टर ड्राइवर छुट्टी गोस्वामी को बुलाया।
इसी दौरान रेत माफिया सोनू निमोदा और मयंक निमोदा पहुंच गए। दोनों भाइयों ने पथराव कर दिया। इसमें ड्राइवर छुट्टी का सिर फूट गया। उसके सिर में 15 टांके आए हैं। अफसरों को जान बचाकर भागना पड़ा। घायल का अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। नायब तहसीलदार ने आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज कराई।

अतिक्रमण कर बना रखी थीं चार दुकानें
अधिकारियों ने बताया कि दोनों भाई सोनू और मयंक ने मेहराघाट में सड़क किनारे अतिक्रमण कर चार दुकानें बना रखी थीं। इनमें तीन दुकानें खालीं और एक में सामान रखा था। शनिवार सुबह एसडीएम आशीष पांडे, एसडीओपी इटारसी महेंद्र सिंह चौहान, तहसीलदार शक्ति सिंह तोमर समेत राजस्व एवं पुलिस विभाग अमला मेहराघाट पहुंचा। टीम ने परिवार को सहयोग कर दुकान से सामान खाली करवाया। इसके बाद अवैध निर्माण को बुलडोजर से ढहा दिया गया।
जिले में पहली बार चला माफिया पर बुलडोजर
इससे पहले भी नर्मदापुरम में रेत माफिया वैध खदान चलाने वाली कंपनी, खनिज अधिकारी, एसडीएम और राजस्व टीमों पर हमला कर चुके हैं, लेकिन ये माफिया के अवैध निर्माण तोड़ने की कार्रवाई पहली बार हुई है।