मां के सामने भाई-बहन ने किया सुसाइड, उज्जैन में सुसाइड से पहले मां से कहा था- पिता को हमारा खून दिखाना

उज्जैन। उज्जैन में भाई-बहन के सुसाइड में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। मंगलवार को पुलिस ने माता-पिता के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया है। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार भी कर लिया है।
29 मार्च की शाम सैफी मोहल्ले के एक मकान में भाई-बहन का शव मिला था। मृतकों की पहचान ताहिर और जेहरा के रूप में हुई। घटनास्थल पर सुसाइड नोट भी मिला। इसमें लिखा- ‘आपने मेरी आंखों का इलाज नहीं करवाया। आपने हमारा ध्यान नहीं रखा। मां भी ध्यान नहीं रखती हैं।’

मां ने पुलिस को बताई पूरी कहानी
फातिमा ने पुलिस को बताया, बुधवार को पति ने कुवैत से मैसेज किया था, ‘मेरे पास रुपए कम हैं। कर्ज ज्यादा है। मुझसे तुम लोग ज्यादा उम्मीद मत रखना।’ इस मैसेज के बाद हम तीनों दुखी हो गए। सोचा- हमारे जीने का कोई मतलब नहीं। सामूहिक खुदकुशी का निर्णय लिया।
शुक्रवार दोपहर करीब 12 बजे स्कूल जाने से पहले दोनों बच्चों ने मेरे सामने जहर खाया। इसके बाद हाथ की नस काटी। मैं भी उनके साथ खुदकुशी करने वाली थी, लेकिन ताहिर ने मना कर दिया। कहा- जब भी पिता घर आएं, आप हमारा खून उन्हें दिखाना। जिसके बाद मैंने दोनों के खून को प्लास्टिक थैली में भरकर फ्रिज में रख दिया था। पोंछे से खून को भी साफ कर दिया। इसके बाद मैं पढ़ाने के लिए स्कूल चली गई। दिनभर शव घर में ही पड़े रहे।’
सुसाइड नोट लिखकर बच्चों से करवाए दस्तखत
फातिमा ने शाम को घर आकर खबर फैलाई कि बच्चों ने आत्महत्या कर ली है। पुलिस ने बताया कि घर से जो सुसाइड नोट मिला था, वो भी उनकी मां ने ही लिखा था, लेकिन साइन दोनों बच्चों से करवा किया था। बेटा ताहिर डायरी लिखता था। उसने अपनी डायरी में भी पिता द्वारा परेशान करने और जिम्मेदारी नहीं उठाने की बात लिखी है।
पिता नहीं देता था परिवार पर ध्यान
फातिमा ने पुलिस को बताया कि पति सादिक साल 2003 से कुवैत में नौकरी करते हैं। घर पर कई साल में आते हैं। परिवार को कम समय देते हैं। परिवार का ध्यान नहीं रखते। बुलाने पर भी घर नहीं आते। बेटे ताहिर को बचपन से आंखों की बीमारी थी। उसे कम दिखाई देता था। उसका भी सही ढंग से इलाज नहीं कराया। इस कारण से वह मानसिक रूप से तनाव में रहता था। बेटी जाहिरा भी पारिवारिक समस्या को लेकर परेशान रहती थी।

संदिग्ध मानकर चल रही थी पुलिस
जीवाजीगंज पुलिस मामले को संदिग्ध मान रही थी। दोनों के हाथ की नस कटने के निशान मिले थे, लेकिन खून निकलने का निशान नहीं था। पुलिस ने फातिमा और सादिक से पूछताछ की।
सैफी मोहल्ले के मूल निवासी सादिक हुसैन बोहरा समाज से आते हैं। वे फिलहाल कुवैत में रहते हैं। उनकी पत्नी फातिमा दोनों बच्चों ताहिर और जेहरा के साथ उज्जैन में ही रहती हैं। ताहिर बोहरा समाज के बच्चों की ऑनलाइन ट्यूशन लेता था। ताहिर की आंखें कमजोर थीं। उसे देखने में भी दिक्कत होती थी। इलाज भी चल रहा था। फातिमा भी स्कूल में टीचर है।