Friday, November 15, 2024
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भाजपा का आरोप- चेयरमैन ने बेटे-भतीजे का CGPSC में फर्जी तरीके से सिलेक्शन करवाया; CBI जांच की मांग

रायपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग परीक्षा 2021 (CG-PSC) के रिजल्ट को रद्द करने की मांग की जा रही है। बीजेपी ने आयोग के अधिकारियों पर पैसे लेकर सिलेक्शन का आरोप लगाया है। साथ ही, CG-PSC के चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी पर भी अपने बेटे समेत परिवार के कई सदस्यों का बड़े पदों पर चयन कराने का आरोप बीजेपी ने लगाया है। मंगलवार को बीजेपी नेताओं ने राज्यपाल से भी शिकायत की है।

बीजेपी प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास ने बताया कि CGPSC-2021 भर्ती में हुए घोटाले को लेकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा है। मांग की है कि मामले की CBI से जांच करवाई जाए। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के चेयरमैन और परीक्षा कंट्रोलर का नार्को टेस्ट भी कराया जाए, जिससे सच सामने आ सके। इससे प्रदेश के लाखों युवा, जो प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें न्याय मिल सकेगा।

इससे पहले बीजेपी प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास ने सीजी-पीएससी रिजल्ट को रद्द करने की मांग की। उन्होंने कहा कि कमेटी बनाकर अभ्यर्थियों के उत्तर पुस्तिकाओं की जांच कराई जाए। बीजेपी प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास ने आरोप लगाया कि CG-PSC 2021 में अंतिम चयन सूची पैसे लेकर बनाई गई है। यह प्रदेश का सबसे बड़ा घोटाला है, जिसमें पीएससी के बड़े अधिकारी के परिवार वालों के नाम टॉप-10 लिस्ट में शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि 7वीं रैंक पर नितेश नाम के अभ्यर्थी का डिप्टी कलेक्टर के पद पर सिलेक्शन किया गया है, जबकि अंतिम सूची में उनका सरनेम छिपाकर सिर्फ नाम लिखा गया है। वजह है कि नितेश CG-PSC चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के बेटे हैं। इसी तरह, सरनेम छिपाकर डीएसपी पद पर साहिल का नाम भी शामिल है। वे भी चेयरमैन सोनवानी के भतीजे हैं। वहीं, श्रम अधिकारी पद पर सुनीता जोशी का चयन हुआ है, जो उनकी रिश्तेदार हैं। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि परीक्षा समिति के सदस्यों के रिश्तेदार एग्जाम नहीं गे सकते, तो फिर चेयरमैन रहते उनके बेटे-भतीजे ने कैसे परीक्षा दी।

योग्यता पर सवाल उठाना, गिरी हुई सोच

कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि यदि कोई योग्य अभ्यर्थी का संबंध किसी नेता, अधिकारी या व्यापारी से है, तो इसका मतलब यह नहीं कि वह हक से वंचित रह जाएं। लोक सेवा आयोग में भर्ती पारदर्शी तरीकों से होती है। भाजपा नेताओं का ऐसा आरोप लगाना घटिया सोच का नतीजा है। उन्होंने कहा कि जब BJP की सरकार थी, तो तत्कालीन शिक्षा मंत्री केदार कश्यप की पत्नी की जगह अन्य युवती ने परीक्षा दी थी। इस मामले का भंडाफोड़ भी हुआ था। यह भ्रष्टाचार बीजेपी सरकार में होता था।

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