भाजपा ने सोशल मीडिया पर लिखा- AI से खनन माफिया पर रोक लगाएंगे; इधर, चंबल में रेत का अवैध उत्खनन शुरू

भिंड। मध्यप्रदेश में खनन माफिया के हौसले कितने बुलंद हैं, इसे देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है। दरअसल, बुधवार सुबह मध्यपदेश BJP की ओर से X हैंडल पर लिखा गया, ‘सुशासन की सरकार में खनन माफियाओं की खैर नहीं। भाजपा सरकार में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से मध्यप्रदेश में अवैध खनन पर लगाम लगाई जाएगी।’
इससे पहले ही चंबल के भिंड में बाकायदा पूजन कर रेत का अवैध उत्खनन शुरू कर दिया गया। यहां रौन थाना क्षेत्र में इंदुर्खी खदान पर सिंध नदी से अवैध तरीके से रेत निकाली जा रही है।
स्थानीय लोगों ने इसका वीडियो बनाकर कलेक्ट्रेट ऑफिस में शिकायत भी की है। वीडियो माफिया और गुर्गे बंदूकों के साथ खदान पर नजर आ रहे हैं। वीडियो तीन दिन पहले का बताया जा रहा है। लोगों का कहना है कि इसकी जानकारी प्रशासन को है, लेकिन एक्शन नहीं लिया जा रहा।
राजनीतिक संरक्षण में अवैध उत्खनन
सिंध नदी की रेत बिल्डिंग निर्माण के लिए अच्छी मानी जाती है। इस रेत खदान का पिछले दो साल से टेंडर नहीं हुआ। फिर भी खदान से उत्खनन जारी था। चोरी-छिपे माफिया यहां से रेत निकालकर बेचते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि माफिया को राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ है। इससे सरकार को भी राजस्व का नुकसान हो रहा है।
जिले में सिंध नदी पर करीब 72 रेत खदानों का टेंडर किया जाना है। खनिज विभाग ने निविदा भी बुलाई गई है, लेकिन अब तक किसी भी कंपनी के टेंडर ओपन नहीं हुए। इसी बीच, अवैध तरीके से रेत निकाले जाने से प्रशासन और सरकार को मिलने वाले राजस्व की चपत लगाई जा रही है।

अफसर बोले- जांच कर रहे
खनिज विभाग के जिला अधिकारी दिनेश डुडबे का कहना है कि इंदुर्खी रेत खदान पर अवैध तौर पर रेत निकाले जाने का वीडियो मिला है। मामले को संज्ञान में लिया गया है। पड़ताल में जुटे हैं।
अवैध खनन से निपटने के लिए सरकार का प्लान
- उत्तर प्रदेश और राजस्थान से सटे मध्यप्रदेश के जिलों में ई-गेट लगाए जाएंगे।
- इन पर CCTV के जरिए खनिज परिवहन के वाहनों के रजिस्ट्रेशन नंबर रिकॉर्ड हो जाएंगे।
- इससे AI चेक करेगा कि क्या वाहन खनिज परिवहन के लिए अधिकृत है। रजिस्ट्रेशन सही है या नहीं।
- कैमरे के जरिए ओवरलोडिंग की भी चेकिंग की जाएगी। गड़बड़ी पर भोपाल के कंट्रोल और कमांड सेंटर को सूचना भेजी जाएगी।