MP में भाजपा ने नियुक्त किए ऑब्जर्वर, हरियाणा के सीएम खट्टर सहित तीन को जिम्मेदारी; OBC विधायकों की मांगी लिस्ट
भोपाल। मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री को लेकर बीजेपी में मंथन जारी है। पार्टी ने मुख्यमंत्री चयन के लिए विधायकों से रायशुमारी करने के लिए शुक्रवार तीन ऑब्जर्वर नियुक्त किए हैं। इनमें हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. के. लक्ष्मण और पार्टी की राष्ट्रीय सचिव आशा लकड़ा शामिल हैं। माना जा रहा है कि खट्टर और डॉ. के. लक्ष्मण विधायकों से वन टू वन चर्चा कर सकते हैं।
सूत्रों के मुताबिक भाजपा नए ओबीसी चेहरे पर विचार कर रही है। यही वजह है कि शीर्ष नेतृत्व ने नए चुने गए OBC विधायकों की लिस्ट मांगी है। पार्टी ने 10 दिसंबर को विधायक दल की बैठक बुलाई है। ऑब्जर्वर इसमें विधायक दल के नेता यानी सीएम की घोषणा करेंगे।
ओबीसी चेहरे की तलाश
आलाकमान मप्र में सीएम को लेकर ओबीसी चेहरे की ओर बढ़ रहा है। शिवराज सिंह चौहान के बदलने की स्थिति में प्रहलाद पटेल का नाम सबसे आगे है। नया ओबीसी फेस देने पर भी विचार किया जा है। अगर ओबीसी कार्ड नहीं चला, तो ऐसे में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का नाम आगे होगा। इसके अलावा, डिप्टी सीएम के फॉर्मूले को लागू किया जाएगा।
पर्यवेक्षक की नियुक्ति में दिखा जातीय संतुलन
बीजेपी ने पंजाबी खत्री समुदाय से ताल्लुक रखने वाले सामान्य वर्ग के हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, ओबीसी नेता डॉ. के. लक्ष्मण और आदिवासी नेता आशा लकड़ा को मुख्यमंत्री के चयन के लिए पर्यवेक्षक बनाया है। तीनों नेता विधायक दल की बैठक लेकर मुख्यमंत्री का चयन करेंगे।
डॉ. के. लक्ष्मण का कहना है कि मुझे अभी जानकारी मिली है। मैं पार्लियामेंट में हूं। भोपाल का प्रोग्राम अभी तय नहीं हुआ है।
प्रहलाद पटेल बोले- CM के लिए इंतजार करिए
नरसिंहपुर से विधायक चुने गए प्रहलाद पटेल ने शुक्रवार को भोपाल में कहा कि वे यहां विधायक के तौर पर जरूरी कार्रवाई के लिए आए हैं। CM फेस पर उन्होंने कहा कि इंतजार करना होगा। प्रहलाद पटेल भी मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में से एक हैं। लोकसभा से विधानसभा आने के सवाल पर बोले- कोई सदन छोटा नहीं होता। सदन, सदन होता है। संख्या और नियमों में अंतर है। अगर ईश्वर ने चौकीदारी का काम दिया है तो चौकीदारी ही करनी चाहिए।
मुख्यमंत्री की घोषणा में हो रही देरी पर प्रहलाद पटेल ने कहा- पांच राज्यों को लेकर फैसले होने हैं, इसलिए समय लग रहा है। जब मैं मणिपुर का प्रभारी था, तब भी समय लगा था। फिलहाल लोकसभा चल रही है, इसलिए भी समय लग रहा है।