मोहन कैबिनेट का बड़ा फैसला, मेडिकल एजुकेशन और हेल्थ डिपार्टमेंट हुए एक; एक्सपर्ट बोले- परफॉर्मेंस सुधरेगा

भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव कैबिनेट की मंत्रालय में मंगलवार को हुई बैठक में बड़ा फैसला लिया है। लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण और मेडिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट को मर्ज कर दिया गया है। इसके अलावा, आयुर्वेद यूनिवर्सिटी में नर्सिंग और पैरामेडिकल पाठ्यक्रम शामिल किया जाएगा।
नगरीय विकास और आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कैबिनेट में हुए फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया- चिकित्सा शिक्षा विभाग व लोक स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग दोनों का एकीकरण कर दिया गया है। इससे विभाग की कार्य करने की क्षमता बढ़ेगी। इसमें जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज के बीच बेहतर तालमेल हो सकेगा। दोनों ही विभागों को मंत्री उप मुख्यमंत्री राजेंद्र कुमार शुक्ल को बनाया गया है।
… तो परफार्मेंस में आएगा सुधार- पटेल
मेडिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट के डीएमई रहे डॉ. जीएस पटेल का कहना है कि यह फैसला पहले ही हो जाना चाहिए था। भारत सरकार में भी स्वास्थ्य विभाग एक ही है। यहां जरूर दो अलग-अलग विभाग बना दिए गए थे, जिसमें से मेडिकल टीचिंग का काम कर रहा है, तो दूसरा स्किल का काम कर रहा। अगर एक ही व्यक्ति स्वास्थ्य सेवाओं को गाइड करेगा, तो परफार्मेंस अच्छा आएगा। पटेल ने कहा कि 1978-79 में मेडिकल एजुकेशन के नाम पर अलग डिपार्टमेंट बनाया गया था। अब हेल्थ के लिए दो अलग-अलग बॉडी की जरूरत खत्म किए जाने के बाद को-ऑर्डिनेशन में और अधिक सुधार की स्थिति बनेगी।

कैबिनेट में ये फैसले भी हुए
- माल एवं सेवा कर अध्यादेश की समय अवधि बढ़ाए जाने को मंजूरी। बजट सत्र में विधानसभा में लाएंगे। चुनाव और मंत्रिमंडल गठन में देरी के चलते विधेयक नहीं लाया जा सका था।
- आयुर्वेद विश्वविद्यालय में संशोधन कर नर्सिंग और पैरा मेडिकल स्टाफ के पाठ्यक्रम भी शामिल किए गए हैं। इससे पैरामेडिकल स्टाफ की संख्या बढे़गी।
- अशोकनगर के मुंंगावली में मल्हारगढ़ में लिफ्ट इरिगेशन सिंचाई परियोजना को मंजूरी। इससे 26 ग्रामों में 7500 हेक्टेयर में सिंचाई हो सकेगी। परियोजना की लागत 87 करोड़ रुपए है।
- रतलाम में माही जल प्रदाय समूह योजना में मझूड़िया समूह के लिए ड्रिंकिंग वाटर के लिए नल जल योजना को मंजूरी दी गई है। इससे आदिवासी परिवारों को शुद्ध जल मिलेगा। इसमें 204 करोड़ की लागत आएगी।
- जल प्रदूषण अधिनियम में संशोधन को मंजूरी। जल प्रदूषण के छोटे से मामले में कोर्ट जाना पड़ता है। इसे अधिकारियों से निराकरण कराने पर सहमति बनी है। प्रस्ताव भारत सरकार को भेजेंगे। इसके बाद अंतिम फैसला होगा।
- प्रधानमंत्री कॉलेज आफ एक्सीलेंस की स्थापना को मंजूरी। हर जिले में पहले से मौजूद एक कॉले की कमियों को दूर कर नई शिक्षा नीति के अंतर्गत जरूरतों को पूरा किया जाएगा।
- जनजातीय कार्य विभाग के अनुदान प्राप्त अशासकीय शिक्षकों को छठवें वेतनमान का लाभ दिया जाएगा।