सलकनपुर देवी महालोक का भूमिपूजन 31 मई को, 52 शक्तिपीठों से लाएंगे मिट्टी
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र बुधनी में स्थित सलकनपुर में देवी महालोक बनाया जा रहा है। यहां 29 से 31 मई तक होने वाले देवी लोक महोत्सव की तैयारियों को लेकर सीएम हाउस में बुधवार को कार्यक्रम हुआ। इसके बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान, किरार महासभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष साधना सिंह चौहान ने मां विजयासन की चरण पादुका स्थापित कर रथ रवाना किया। यह रथ सीहोर जिले के गांवों में घूमकर हर घर से एक ईंट संग्रहित करेगा। इन ईटों को देवी महालोक के निर्माण में लगाया जाएगा।
महिला-पुरुष भजन मंडलियों को एक-एक लाख पुरुस्कार
सीएम ने बताया कि 29-30 और 31 मई को मंदिर परिसर में अलग-अलग उत्सवों के आयोजन होंगे। 29 मई को कलश व पूजा थाली सजाओ प्रतियोगिता, रंगोली, मिट्टी के दीए सजाओ प्रतियोगिता। महिला भजन मंडलों के भजन, बहनों के भजन मंडल जो प्रथम, द्वितीय आएंगे उन्हें पुरुस्कार दिए जाएंगे।
सीएम ने कलेक्टर से कहा– इनाम की राशि पहला पुरुस्कार 21 हजार से बढ़ाकर एक लाख, द्वितीय 51 हजार और तृतीय पुरुस्कार 25 हजार रुपए स्वरूप दिए जाएंगे। 30 मई को 6 साल से 12 साल और 12 से 18 साल की बेटियों द्वारा माता का श्रृंगार किया जाएगा। 51 हजार दीपक प्रज्जवलित किए जाएंगे। इनको भी 21 हजार और 11 हजार के पुरुस्कार दिए जाएंगे। पुरुष भजन मंडलियों को प्रथम पुरुस्कार के लिए एक लाख तय किया था। पुरुषों को एक लाख 51 हजार बतौर प्रथम पुरुस्कार दिए जाएंगे। दूसरा पुरुस्कार एक लाख और तीसरा पुरुस्कार के तौर पर 51 हजार रुपए दिए जाएंगे।
52 शक्तिपीठों से लाई जाएगी मिट्टी
सीएम ने कहा- हम वैसे भी शिलान्यास कर सकते थे, लेकिन मन में विचार आया कि सबकी एक-एक ईंट लगनी चाहिए। इसलिए सबसे सहयोग मांगा जाएगा। मां की शिला पूजन के लिए यात्राएं निकाली जाएंगी। 31 तारीख को प्रदेश के सभी मंदिरों में शिला पूजन, भूमिपूजन का कार्यक्रम दिखाया जाएगा। 52 शक्तिपीठों से माटी लाई जाएगी। इनमें से एक शक्तिपीठ हमारे देश में नहीं हैं। जब आपके गांव में यह रथ आए, तो पूजन करके एक शिला भेंट करना।
सीएम ने मंत्रियों को दिया सलकनपुर आने का न्योता
सीएम ने कैबिनेट के मंत्रियों को सलकनपुर देवी महा उत्सव में आने का न्योता दिया। सीएम ने कहा- 31 मई को संतों को देवी लोक उत्सव के शिलान्यास में आमंत्रित हैं। हर गांव में चुनरी यात्रा निकलनी चाहिए। हमारे गांव की चुनरी मैया के दरबार में जाएगी। शिला कलश यात्रा, स्वस्ति वाचन, कथा और देवी लोक के स्वरुप का वीडियो दिखाकर आतिशबाजी और भजन कीर्तन किए जाएंगे।