Sunday, June 8, 2025
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भैरवनाथ को 100 किस्म की शराब और दो हजार से ज्यादा खाने-पीने की चीजों का भोग: शाम को सवारी निकाली 

उज्जैन। उज्जैन में बाबा भैरवनाथ की सवारी बुधवार शाम गाजे-बाजे के साथ निकाली गई। भैरवगढ़ स्थित कालभैरव मंदिर में बाबा का पूजन-अभिषेक किया गया। इसके बाद बाबा की पालकी निकाली गई। सिद्धनाथ मंदिर, केंद्रीय भैरवगढ़ जेल के गेट पर जेल प्रशासन ने सवारी का पूजन किया। यहां कैदियों ने भी सवारी के दर्शन किए। सवारी विभिन्न मार्गों से होती हुई वापस मंदिर पहुंची।

इससे पहले, मंगलवार रात उज्जैन में भैरवनाथ को दो हजार से अधिक पकवान और खाने-पीने की चीजों का भोग लगाया गया। 100 किस्म की शराब, बीड़ी-सिगरेट, चिलम, अलग-अलग किस्म की तंबाकू, भांग और गांजा इस भोग में शामिल हैं। रात 12 बजे महाआरती हुई। चलित भंडारा भी हुआ।

भैरव अष्टमी के मौके पर काल भैरव, बटुक भैरव और रुद्र भैरव मंदिरों में भी भैरव अष्टमी पर कार्यक्रम हुए।

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उज्जैन में बाबा भैरवनाथ को दो हजार तरह की सामग्री का भोग लगाया गया।

छप्पन भैरव मंदिर में ये भोग लगाया

  • 100 किस्म की देसी-विदेशी शराब
  • 130 प्रकार के नमकीन
  • 64 प्रकार की चॉकलेट
  • 80 तरह की मिठाई
  • 75 तरह के सूखे मेवे
  • 30 तरह की गजक
  • 45 तरह के बिस्किट
  • 28 तरह की सॉफ्ट ड्रिंक
  • मौसमी फल
  • 40 प्रकार के बेकरी प्रोडक्ट्स
  • 30 तरह की तंबाकू और सादे पाउच
  • 22 तरह की सिगरेट और बीड़ी
  • भांग, गांजा, चिलम

(भोग में 2 हजार से ज्यादा तरह की खान-पान की चीजें थीं।)

एक ही जगह 56 प्रतिमाएं
भागसीपुरा में छप्पन भैरव का प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर राजा विक्रमादित्य के समय से है। इंदौर के श्रद्धालु मुख्य यजमान नीरज देसाई ने बताया कि वे यहां कई साल से अगहन मास की अष्टमी पर बाबा भैरव को भोग लगा रहे हैं।

मंदिर के पुजारी चंद्रशेखर व्यास ने बताया कि यहां भैरव बाबा की 56 प्रतिमाएं एक ही जगह हैं। इसीलिए इनका नाम चमत्कारी छप्पन भैरव पड़ा। पुजारी पं. व्यास ने बताया कि राजा भर्तृहरि और सम्राट विक्रमादित्य भी यहां आकर पूजा करते थे। अवंतिका तीर्थ के अष्ट भैरव में इनकी गणना होती है।

आधी रात में महाआरती
काल भैरव मंदिर में मंगलवार सुबह ‎बाबा की आरती की गई। दोपहर में ‎अभिषेक पूजन के बाद नए ‎वस्त्र धारण करवाए गए। उन्हें सिंधिया‎ राजघराने की पगड़ी धारण करवाई।‎ मध्यरात्रि में जन्मोत्सव महाआरती‎ की गई।

बटुक भैरव मंदिर में लगाए 56 भोग, महाप्रसादी बांटी‎
चक्रतीर्थ स्थित श्री बटुक‎ भैरव मंदिर में अष्टमी मनाई। ‎गुरुदेव वरुण तिवारी के‎ अनुसार बटुक भैरव मंदिर ‎की सज्जा की गई है। सुबह 8 ‎बजे भगवान बटुक भैरव का ‎सुगंधित द्रव्य और फलों के‎ रसों से अभिषेक किया। ‎दोपहर 12 बजे बाबा का ‎चोला और स्वर्ण शृंगार ‎किया गया। शाम 6 बजे 56 ‎भोग लगाए। रात 12 बजे ‎महाआरती के बाद‎ महाप्रसादी वितरण की गई।‎

कोटितीर्थ कुंड के पास रुद्र‎भैरव का पूजन अर्चन‎

भैरव अष्टमी पर महाकालेश्वर मंदिर ‎स्थित कोटितीर्थ के पास रुद्र भैरव को ‎56 भोग लगाए गए। यहां महेश‎ पुजारी ने रुद्र भैरव भगवान की‎ महाआरती की।

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