कूनो से बुरी खबर, नामीबिया से लाए चीता शौर्य की मौत; अब तक 10 की जान गई

श्योपुर। श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क से फिर बुरी खबर आई है। अब नामीबिया से लाए गए चीता शौर्य की मौत हो गई है। चीतों की मॉनिटरिंग करने वाली टीम को मंगलवार सुबह 11 बजे उसे अचेत मिला। टीम ने उसे सीपीआर दिया, तो हालत में थाेड़ा सुधार आया। दोपहर में 3.17 बजे उसने दम तोड़ दिया। कूनो में अब तक शावक और चीते मिलाकर कुल 10 की मौत हो चुकी है। अब यहां 13 चीते और 4 शावक बचे हैं।
नामीबिया से 8 चीते लाए गए थे। इनमें चीता शौर्य भी अपने सगे भाई गौरव के साथ आया था। दोनों एकसाथ रहते थे। शिकार साथ ही करते थे। कुछ समय पहने दोनों की अग्नि और वायु चीते से भिड़ंत हुई थी। वे दोनों भी सगे भाई थे। इसमें अग्नि चीता गंभीर रूप से घायल हो गया था। इसके बाद चीतों को बाड़े में बंद कर दिया था।
बता दें कि 17 सितंबर 2022 नामीबिया से 8 चीते लाए गए थे। वहीं, 18 फरवरी 2023 द. अफ्रीका से 12 चीते आए थे। इससे पहले, 3 जनवरी 2024 आशा ने 3 शावकों को जन्म दिया था।
अब जानिए, कब-कैसे हुई चीतों की मौत …
26 मार्च 2023: साशा की किडनी इंफेक्शन से मौत
नामीबिया से लाई गई 4 साल की मादा चीता साशा की किडनी इंफेक्शन से मौत हो गई। वन विभाग ने बताया कि 15 अगस्त 2022 को नामीबिया में साशा का ब्लड टेस्ट किया गया था, जिसमें क्रियेटिनिन का स्तर 400 से ज्यादा था। इससे ये पुष्टि होती है कि साशा को किडनी की बीमारी भारत में लाने से पहले ही थी। साशा की मौत के बाद चीतों की संख्या 19 रह गई।
23 अप्रैल 2023: उदय की दिल के दौरे से मौत
दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीते उदय की मौत हो गई। शॉर्ट पीएम रिपोर्ट में बताया गया कि उदय की मौत कार्डियक आर्टरी फेल होने से हुई। मध्यप्रदेश के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन जेएस चौहान ने बताया कि हृदय धमनी में रक्त संचार रुकने के कारण चीते की मौत हुई। यह भी एक प्रकार का हार्ट अटैक है। इसके बाद कूनो में शावकों सहित चीतों की संख्या 22 रह गई।
9 मई 2023: दक्षा की मेटिंग के दौरान मौत
दक्षा को दक्षिण अफ्रीका से कूनो लाया गया था। जेएस चौहान ने बताया कि मेल चीते को दक्षा के बाड़े में मेटिंग के लिए भेजा गया था। मेटिंग के दौरान ही दोनों में हिंसक इंटरेक्शन हो गया। मेल चीते ने पंजा मारकर दक्षा को घायल कर दिया था। बाद में उसकी मौत हो गई। इसके बाद कूनो में शावकों सहित चीतों की संख्या 21 रह गई।
23 मई 2023: ज्वाला के एक शावक की मौत
मादा चीते ज्वाला के एक शावक की मौत हो गई। जेएस चौहान ने बताया कि ये शावक जंगली परिस्थितियों में रह रहे थे। 23 मई को श्योपुर में भीषण गर्मी थी। तापमान 46-47 डिग्री सेल्सियस था। दिनभर गर्म हवा और लू चलती रही। ऐसे में ज्यादा गर्मी, डिहाइड्रेशन और कमजोरी इनकी मौत की वजह हो सकती है। इसके बाद कूनो में शावकों सहित चीतों की संख्या 20 रह गई।
25 मई 2023: ज्वाला के दो और शावकों की मौत
पहले शावक की मौत के बाद तीन अन्य को चिकित्सकों की देखरेख में रखा गया था। इनमें से दो और शावकों की मौत हो गई। अधिक तापमान होने और लू के चलते इनकी तबीयत खराब होने की बात सामने आई थी। इसके बाद कूनो में एक शावक सहित 18 चीते बचे।
11 जुलाई 2023: मेल चीता तेजस की मौत
चीते तेजस की गर्दन पर घाव था, जिसे देखकर अनुमान लगाया गया कि चीतों के आपसी संघर्ष में उसकी जान गई है।
14 जुलाई 2023: मेल चीता सूरज की मौत
चीते सूरज की गर्दन पर भी घाव मिला। कूनो प्रबंधन का अनुमान है कि चीतों के आपसी संघर्ष में ही सूरज की जान गई है।
2 अगस्त 2023: मादा चीता धात्री की मौत
कूनो परिसर में ही मादा चीता धात्री का शव मिला था। पोस्टमॉर्टम में इंफेक्शन से मौत की वजह सामने आई थी।
क्यों नहीं थम रहा चीतों की मौत का सिलसिला ?
साउथ अफ्रीका की एक स्टडी में 293 चीते की मौतों को डॉक्यूमेंट किया गया है। इसमें चीतों की मौत की दर बताई गई है। इसमें बताया कि…
- शिविर लगाने की वजह से 6.5% चीतों की मौत हुई।
- एक जगह से दूसरी जगह ले जाने यानी रिलोकेशन पर 7.5% चीतों की मौत होती है।
- ट्रैकिंग डिवाइस की वजह से 0.7% चीतों की मौत होती है।
इन तीन वजहों से 15% चीतों की मौत होती है। यानी हर सात में से एक चीते की मौत इनकी देखभाल और रखरखाव के लिए किए गए बाकी इंतजामों की वजह से होती है।
इस स्टडी में चीते की मौत का सबसे बड़ा कारण 53.2% शिकार होना है। इसके लिए शेर, तेंदुआ, लकड़बग्घे और सियार को मुख्य रूप से जिम्मेदार बताया गया।
स्टडी में बताया गया कि इनके अलावा वार्थोग, बबून, सांप, हाथी, मगरमच्छ, गिद्ध, जेबरा और यहां तक कि शुतुरमुर्ग सहित कई अन्य वन्यजीवों ने भी चीतों को मारा है।