कूनो में साउथ अफ्रीका से लाए गए चीते उदय की मौत, एक चीते की पहले हो मौत हो चुकी है
श्योपुर। कूनो नेशनल पार्क में एक और चीते की मौत हो गई। दक्षिण अफ्रीका से लाया गया चीता उदय बीमार था। इलाज के दौरान रविवार को उसने दम तोड़ दिया। हालांकि मौत के कारणों का पता नहीं चल पाया है। मध्यप्रदेश के मुख्य वन संरक्षक जेएस चौहान ने इसकी पुष्टि की है। इससे पहले एक चीता की मौत हुई थी।
सुबह सुस्त हालत में बैठा मिला था चीता उदय
वन विभाग की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक चीतों की निगरानी कर रहे दल को चीता उदय रविवार सुबह 9 बजे सिर झुकाए और सुस्त बैठा था। करीब जाने पर वह उठकर लड़खड़ाकर चलने लगा। हालांकि एक दिन पहले की निगरानी में वह स्वस्थ्य मिला था। चीता उदय की हालत की सूचना वन्यप्राणी चिकित्सकों को दी गई। उन्होंने चीता उदय को देखा तो वह बीमार पाया गया।
शाम करीब 4 बजे तोड़ा दम
चीता उदय की हालत को देखते हुए मौजूद वन्यप्राणी चिकित्सकों और चीता कंसरवेशन फंड के एक्सपर्ट ने इलाज के लिए ट्रैंकुलाइज की जरूरत बताई। इसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों से अनुमति लेकर चीता उदय को बेहोश कर इलाज शुरू किया गया। उसे आइसोलेशन वार्ड में निगरानी के लिए रखा गया। इलाज के दौरान शाम करीब 4 बजे उसकी मौत हो गई।
दो दिन पहले ही मिला था नया नाम ‘उदय’
18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते और कूनो नेशनल पार्क लाए गए थे। चीता उदय इन्हीं में शामिल था। दो दिन पहले ही चीतों के नामकरण में वाटरबर्ग-1 (वयस्क नर) का नया नाम उदय रखा गया था। ये नाम बिप्रदीप घोसाल, सुचिस्मिता सेनगुप्ता ने रखा था।
कूनो में अब 18 चीते बचे
पहली खेप में नामीबिया से 8 चीतों को कूनो नेशनल पार्क लाया गया था। 17 सितंबर को अपने जन्मदिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन्हें बाड़े में रिलीज किया था। इनमें से एक मादा चीता साशा की किडनी में इंफेक्शन की वजह से मौत हो गई थी। इसके बाद 18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते कूनो लाए गए थे। इनमें से एक नर चीता उदय की रविवार को मौत हो गई। इस तरह कुल 20 चीतों में से 2 की मौत जाने पर अब 18 चीते कूनो नेशनल पार्क में बचे हैं।
हालांकि पहली खेप में नामीबिया से आई ज्वाला (पुराना नाम सियाया) ने हाल ही में 4 शावकों को जन्म दिया था।