5वीं से 12वीं तक के बच्चों के लिए मुख्यमंत्री नवाचार पुरस्कार योजना का ऐलान
भोपाल। स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने मंगलवार को मुख्यमंत्री नवाचार पुरस्कार योजना का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि बच्चों की वैज्ञानिक सोच, कल्पना शक्ति व क्रिएटिविटी को बढ़ावा देने के लिए पहली बार यह योजना शुरू की जा रही है। इसके तहत बच्चों को प्रथम पुरस्कार पाने वाले को 51 हजार रुपए दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह योजना बच्चों के नवाचार को अवसर और मंच प्रदान करेगी।
मंत्री परमार मंगलवार को प्रगत शैक्षिक अध्यययन संस्थान में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। यहां उन्होंने राज्य मुक्त विद्यालयीन शिक्षा बोर्ड द्वारा स्थापित राज्यस्तरीय आकलन केंद्र का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि शिक्षक और विद्यार्थी दोनों समाज में रहते हैं। स्वाभाविक रूप से बच्चों के मन में कई तरह के नवाचार, समावेशी प्रश्न और उनके समाधान उठते हैं। बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए नवाचार को समझना होगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में सबसे बड़ी और अहम भूमिका शिक्षक की है।
मंत्री परमार ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप बच्चों के समग्र मूल्यांकन की दृष्टि से प्रश्न-पत्र निर्धारण पद्धति को बेहतर बनाने के लिए राज्य स्तरीय आकलन केंद्र बनाया गया है। इसमें ज्यादा से ज्यादा शिक्षकों को पेपर बनाने के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी, जिससे टीचर ऐसे पेपर तैयार करें, जिनसे बच्चों में शिक्षा को लेकर जिज्ञासा व उत्साह का भाव जागृत हो।
बच्चों को किया जाएगा पुरस्कृत
राज्य मुक्त विद्यालयीन शिक्षा बोर्ड के संचालक प्रभात राज तिवारी ने बताया कि मुख्यमंत्री नवाचार पुरस्कार योजना के तहत पांचवीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को उत्कृष्ट नवाचारों के लिए प्रथम पुरस्कार स्वरूप 51 हजार रुपये, द्वितीय पुरस्कार 31 हजार रुपए, तृतीय पुरस्कार में 21 हजार दिया जाएगा। सांत्वना पुरस्कार के तौर पर 11 हजार रुपए (प्रत्येक संभाग के लिए कुल 10 पुरस्कार) दिए जाएंगे। इसके अलावा, बच्चों के मेंटर (शिक्षक) को बच्चों के पुरस्कार की 20 प्रतिशत राशि पुरस्कार स्वरूप अलग से दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि नवाचार जमा करने संबंधी प्रक्रिया व आवश्यक जानकारी साझा करने के लिए ईएफए स्कूल को नोडल सेंटर बनाया गया है। छात्र अकेले या समूह में नवाचार जमा कर सकते हैं। नवाचार जमा करने की अंतिम तिथि 15 जुलाई है। परिणाम 10 अगस्त को जारी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि परीक्षा के प्रश्न-पत्र 3 स्तर से गुजरते हैं- मापन, आकलन एवं मूल्यांकन। इन तीनों विधाओं को शामिल करते हुए राज्य स्तरीय आकलन केंद्र की स्थापना की गई है। इस केंद्र की स्थापना में 68 लाख रूपये का खर्च हुआ है।