लोकसभा टिकट नहीं मिलने से नाराज राज्यसभा सांसद अजय प्रताप सिंह ने भाजपा छोड़ी, सीधी में कहा- पार्टी की कथनी और करनी में अंतर

सीधी। राज्यसभा सांसद अजय प्रताप सिंह ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने शुक्रवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को इस्तीफा भेजा। वे लोकसभा सीट से टिकट नहीं मिलने से नाराज थे। वे 2018 से राज्यसभा सदस्य हैं। सांसद ने शनिवार सुबह कहा कि BJP की कथनी और करनी में अंतर है। अभी किसी भी पार्टी में जाने की और चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं है।
अजय प्रताप सिंह सीधी लोकसभा सीट से टिकट की दावेदारी कर रहे थे। पार्टी ने यहां से डॉ. राजेश मिश्रा को टिकट दिया है। कांग्रेस ने यहां कमलेश्वर पटेल को उम्मीदवार बनाया है। 2019 में भाजपा की रीति पाठक सीधी से सांसद चुनी गई थीं।
मैं भाजपा के अनुकूल नहीं मान रहा
अजय प्रताप ने कहा कि राजनीति सही मायने में सेवा का माध्यम थी, धनार्जन का नहीं। अब कुछ परिस्थितियां ऐसी निर्मित हो गई हैं कि खुद को भारतीय जनता पार्टी के अनुकूल नहीं मान पा रहा, इसलिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्याग पत्र दे दिया है।
पार्टी की कैंडिडेट चयन प्रक्रिया पर आपत्ति
सांसद ने कहा कि वर्तमान में लोकसभा के चुनाव के लिए भाजपा ने प्रत्याशी की घोषणा की है। किसी प्रत्याशी से विरोध नहीं है, लेकिन पार्टी कार्यप्रणाली, चयनप्रणाली पर आपत्ति है। मेरा स्वभाव थोड़ा सा विद्रोही है। मैं इस परिस्थिति को स्वीकार नहीं कर पा रहा हूं। मेरी असहमति और आपत्ति त्यागपत्र के रूप में परिलक्षित हो रही है।
बाहर आकर उठाऊंगा आवाज
अजय प्रताप ने कहा कि पार्टी की कार्यप्रणाली से विश्वास उठ गया है। लंबे समय से जिन विषयों को में सदन और आपके माध्यम से उठाता रहा हूं, उसकी उपेक्षा हुई है। भारतीय जनता पार्टी की कथनी और करनी में अंतर है, इसलिए मुझे लगा कि पार्टी के अंदर रहकर उन विषयों को नहीं उठा पाऊंगा। पार्टी के बाहर आकर उनको आवाज दूंगा। यह सभी बातें बहुत लंबे समय से चल रही हैं। अगर मैंने इस्तीफा दिया है, तो समझिए कि ये इसकी चरम सीमा है।