आचार्य श्री विद्यासागर महाराज के देहासवान के बाद जैन समाज के लोगों ने कराया मुंडन
जबलपुर। आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ में देहावसान हो गया था। इसके बाद जबलपुर के जैन समाज में मातम छा गया। लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए लोग पहुंच भी रहे हैं। आचार्य श्री का जबलपुर से बहुत लगाव था। यहां लार्डगंज स्थित बड़े जैन मंदिर में मंगलवार को 200 से अधिक लोगों ने मुंडन करवाया।
बड़े-बच्चे-बुजुर्ग सभी ने करवाया मुंडन
कहा जाता है कि जैन समाज में त्याग और दान सर्वोपरि है। बालचंद जैन ने बताया कि जैसे ही जानकारी लगी कि आचार्य श्री विद्यासागर जी नहीं रहे, वैसे ही लगा जैसे कि सिर से बड़ों का साया उठ गया है। उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है, जैसे कि पिता तुल्य गुरु के जाने के बाद दुख हो रहा है। हमें लगा रहा है कि हमने पिता, कलगुरु को खो दिया है, इसलिए मुंडन करवाया है।
आचार्य श्री का जबलपुर से आत्मीय लगाव था
अनिल जैन का कहना है कि आचार्य श्री के देहावसान से देश शोकाकुल है। अनिल जैन ने कहा कि आचार्य श्री विद्यासागर जी हमारे कुलगुरु थे। मुनि दीक्षा लेने वाले सर्वाधिक 25 साधक राज्य के ही सागर के हैं, जबकि जबलपुर का स्थान दूसरा है, जहां के 17 साधक उनसे मुनि दीक्षा ले चुके हैं। आचार्य श्री के जबलपुर आने की सूचना लोगों को मिलती थी तो वे शहर की सीमा में उत्साहपूर्वक एकत्र होते थे।