खंडवा सिलेंडर ब्लास्ट में मां के बाद बेटे की भी मौत; इंदौर के एमवाय में भर्ती था

खंडवा। खंडवा में सिलेंडर ब्लास्ट में झुलसी महिला के बाद बेटे की भी मौत हो गई। इंदौर के एमवाय अस्पताल में इलाज के दौरान रविवार को उसने दम तोड़ दिया। हादसे में आरोपी राजेश पंवार का परिवार झुलस गया था। इससे पहले राजेश की पत्नी की मौत हो गई थी।
27 दिसंबर को खंडवा के घासपुरा में गैस सिलेंडर के गोदाम में ब्लास्ट हो गया था। एक के बाद एक 26 सिलेंडर में विस्फोट हुआ था। इसमें राजेश पंवार समेत परिवार के चार लोग झुलस गए थे। पत्नी माधुरी पंवार और 22 वर्षीय बेटा दीपक घटना के वक्त अंदर थे। हादसे में दोनों 90 प्रतिशत तक झुलस गए थे। खंडवा जिला अस्पताल से उन्हें इंदौर रेफर किया गया। दोनों को वेंटिलेटर पर रखा गया था। यहां शनिवार को माधुरी ने दम तोड़ दिया। अब रविवार को दीपक की भी मौत हो गई।
पुलिस ने राजेश पंवार को ही आरोपी बनाया है। राजेश अवैध रूप से सिलेंडर रीफीलिंग का काम घर से कर रहा था। पुलिस उसके खिलाफ पत्नी और बेटे की मौत के मामले में गैर इरादतन हत्या का मामला भी दर्ज सकती है। आरोपी राजेश का छोटा बेटा रोशन भी एमवाय में भर्ती हैं। वहीं, खंडवा जिला अस्पताल में मां कलावती पंवार (65), नाबालिग कर्मचारी भानुप्रताप भांवरे (16) निवासी टपालचाल, हर्षल भगत (16) निवासी बड़ा कब्रिस्तान क्षेत्र व सतीश विश्वकर्मा (32) का इलाज चल रहा है।
आज भी पड़ा है मलबा
राजेश पंवार ने घासपुरा में अवैध गैस का गोदाम बना रखा था। यहीं से वह एक से दूसरी टंकी में गैस रिफिलिंग कर कालाबाजारी कर रहा था। 27 दिसंबर की शाम रिफिलिंग के दौरान ही गैस टंकी में आग लगी थी। धमाके के साथ जब ब्लास्ट हुआ तो तलघर में बना रखे गैस गोदाम की टंकियां रह-रहकर फूटती रही। आज भी वहां मलबा पड़ा है। वह मलबा आग के साथ सिलेंडर उगल रहा है। घटना के बाद से मलबे में दबी करीब 100 टंकियां प्रशासन ने निकालकर जब्त की है। रोज फायर ब्रिगेड से आग को बुझाया जा रहा है। चार दिन बाद रविवार को फिर मलबे से धुआं उठा, तो फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची।