Sunday, June 8, 2025
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भोपाल में बीएससी स्टूडेंट हत्याकांड के आरोपी को फांसी, दो अन्य केस में उम्रकैद

भोपाल। भोपाल में बीएससी स्टूडेंट अमन दांगी की हत्या के मामले में रजत सैनी को फांसी की सजा सुनाई है। फैसला सोमवार को भोपाल जिला न्यायालय के जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र टाडा की कोर्ट ने सुनाया। इसके अलावा, तीन अन्य मामलों में उम्रकैद और 50 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है। आरोपी ने खुद को मरा साबित करने की साजिश रची। कारण- उसे 5 लाख रुपए उधार नहीं चुकाना पड़े और जेल जाने से भी बच जाए। 10 महीने पहले उसने बेकसूर अमन दांगी के सिर पर बैट और हथौड़ा मारा। शव को पेट्रोल डालकर जला दिया। कोर्ट में पैरवी विशेष लोक अभियोजक वर्षा कटारे ने की।

14 जुलाई 2022 को खजूरी सड़क थाना क्षेत्र के अमलताश कॉलोनी के लोगों ने पुलिस को सूचना दी कि  अनीता अहिरवार के मकान से जलने की बदबू आ रही है। पुलिस ने ताला खुलवाया। अंदर  एक शख्स की अधजली लाश मिली। उसकी पहचान अमन दांगी (21) पिता लखन लाल दांगी निवासी सिराड़ी, थाना दोराहा (सीहोर) के रूप में हुई। वह MVM कॉलेज में B.Sc. सेकंड ईयर का स्टूडेंट था। वह साईं ट्रेवल्स में जॉब भी करता था।

यह कमरा राघौगढ़ (गुना) के रहने वाले रजत सैनी उर्फ सिद्धार्थ उर्फ माइकल का था। पुलिस ने रजत के बारे में पता किया तो वह नहीं मिला। दूसरे दिन पुलिस ने आरोपी  रजत सैनी को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में पहले तो वह गुमराह करता रहा। बाद में सख्ती करने पर उसने जो वारदात कबूल कर ली।

हत्या के आरोपी को धोखाधड़ी में हुई सजा

आरोपी रजत ने पुलिस को बताया कि 2017 में कोर्ट ने उसे धोखाधड़ी के मामले में 7 साल की सजा सुनाई थी। जेल में उसकी पहचान निरंजन मीणा से हुई। रजत को पैसों की जरूरत थी। ये बात उसने निरंजन को बताई तो उसने जेल में ही रामनिवास मीणा से मिलवाया। रामनिवास ने रजत को 5 लाख रुपए उधार दिलवाए। रजत जब समय पर पैसे नहीं लौटा पाया, तो परिवार को धमकियां मिलने लगीं। इसी बीच, उसे पैरोल मिल गई। वह ग्वालियर सेंट्रल जेल से बाहर आया। भोपाल के फंदा इलाके में किराए से रहने लगा। रजत का प्लान निरंजन की हत्या कर उसे इसी किराए के कमरे में दफनाने का था, लेकिन मौका नहीं मिला।

फिर खुद की हत्या की झूठी साजिश रची  

निरंजन की हत्या का प्लान फेल होने पर उसने खुद की हत्या की साजिश रची। इसके लिए वह भोपाल में उसे कमरा दिलाने वाले रवि मीणा को मारना चाहता था, लेकिन इसमें भी कामयाब नहीं हुआ। गुरुवार को उसकी जगह दूसरा दोस्त अमन मिल गया। उसने कमरे पर बुलाकर अमन की हत्या कर दी। पेट्रोल से शव जला दिया। अमन की हत्या के पीछे उसका मकसद यह था कि पुलिस उसे मरा समझ लेगी। उसे मीणा को 5 लाख रुपए भी नहीं लौटाने पड़ेंगे। वह जेल की बाकी सजा से भी बच जाएगा। योजना के तहत ही उसने जब से कमरा लिया था, तब से कमरे के अंदर ही गड्ढा खोद रहा था।

दोस्त को फंसाने के लिए उसका मोबाइल रखा

किराए से कमरा लेने के बाद रजत ने रवि मीणा से दोस्ती बढ़ाई। रवि अधिकतर समय उसके कमरे में ही रहता था। रवि ने आरोपी की दोस्ती अमन से भी कराई। रवि उस पर इतना भरोसा करने लगा कि अपना मोबाइल और बाइक तक उसे दे देता था। अमन की हत्या के दिन भी रवि का मोबाइल व बाइक रजत के पास थी। हत्या के बाद उसने मोबाइल शव के पास ही छोड़ दिया, ताकि पुलिस को लगे कि रवि ने ही अमन की हत्या की होगी। जांच में समय लगेगा, तब तक वह भोपाल से गुजरात भाग जाएगा।

नौकरी लगवाने का झांसा देकर अमन से दोस्ती बढ़ाई

पैरोल पर छूटने के बाद रजत मेडिकल उपकरण बनाने वाली कंपनी में सुपरवाइजर की नौकरी करने लगा। उसने अमन को भी अपनी कंपनी में नौकरी लगवाने का झांसा देकर दोस्ती बढ़ा ली। अमन उसके कमरे में आने जाने लगा। वारदात वाले दिन भी वह उससे मिलने कमरे पर पहुंचा। अंदर आते ही रजत ने उस पर हथौड़े-बैट से ताबड़तोड़ वार किए। इसके बाद पेट्रोल डालकर आग लगा दी।

नकली नोट भी बनाने का काम भी करता था
रजत नकली नोट बनाने का काम भी करता था। जब पकड़ा गया था, तो उसके पास से 500-500 के नकली नोट व नोट बनाने की सामग्री व मशीन मिली थी। आरोपी पर रेलवे स्टेशन पर नकली टिकट बेचने के मामले में भी गिरफ्तार हो चुका है।

बीमारी का नाटक करके खुद को बचाता रहा
आरोपी इतना शातिर है कि सजा मिलने से पहले बीमार होने का नाटक रचा। बहाना बनाकर अलग-अलग जगह इलाज कराता रहा। बीमारी की आड़ में कोर्ट में बयान देने भी नहीं आता था। इसकी कारण से आरोपी को सजा होने में देर हुई।

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