बाबा महाकाल ने मनमहेश के रूप में दिए दर्शन, पहले साेमवार 2.25 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे

उज्जैन। उज्जैन में बाबा महाकाल की पहली शाही सवारी निकाली गई। सावन के पहले साेमवार को बाबा ने श्रद्धालुओं को मनमहेश स्वरूप में दर्शन दिए।
मान्यता है कि वर्षा काल में सृष्टि का संचालन करने वाले देवता शयन काल में चले जाते हैं। इस दौरान बाबा महाकाल सृष्टि का संचालन करते हैं। ऐसे में सावन मास में महाकाल प्रजा का हाल जानने के लिए निकलते हैं। शाम तक उज्जैन में सवा दो लाख से ज्यादा भक्त दर्शन कर चुके हैं।
Baba Mahakal gave darshan in the form of Manmahesh

महाकाल की सवारी शाम 4 बजे सभा मंडप में पूजन के बाद निकाली गई। इस दौरान बाबा को सबसे पहले गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। उनका पूजन किया गया। इसके बाद तय मार्ग से सवारी का निकलना शुरू हुआ। सवारी मार्ग में भक्तों ने सड़क पर सुंदर रंगोली से सजाया था। सभी भक्त नाचते-गाते चल रहे थे। छत पर खड़े होकर लोग बाबा के दर्शन करते रहे।
Baba Mahakal gave darshan in the form of Manmahesh
शिप्रा नदी पर बाबा का पूजन किया गया। यहां से सवारी गोपाल मंदिर पहुंची। यहां हरि-हर का मिलन हुआ। यहां से सवारी मंदिर के लिए निकली। इस दौरान सवारी का फूल बरसाकर स्वागत किया गया।

जनजातीय कलाकारों का दल शामिल
महाकाल की पहली सवारी में जनजातीय कलाकारों का दल भी शामिल हुआ। पारंपरिक वेशभूषा में कलाकार नाचते गाते हुए चले।
Baba Mahakal gave darshan in the form of Manmahesh