पेड़ काटकर नहीं बनेंगे मंत्री-विधायकों के बंगले, मंत्री विजयवर्गीय बोले- भोपाल में 29 हजार पेड़ काटने का प्लान कैंसिल

भोपाल। भोपाल में 29 हजार पेड़ काटकर मंत्री-विधायकों के बंगले नहीं बनाए जाएंगे। सरकार ने फिलहाल योजना कैंसिल कर दी है। सोमवार दोपहर नगरीय प्रशासन एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने सोशल मीडिया X पर इसकी जानकारी दी।
उन्होंने लिखा- नए भोपाल के पुनर्घनत्वीकरण योजना के पर्यावरण संरक्षण एवं क्षेत्र में मौजूदा वृक्षों को देखते हुए प्रस्ताव को अस्वीकृत कर दिया है। साथ ही, अन्य वैकल्पिक स्थानों के परीक्षण के निर्देश दिए गए हैं।
Bungalows of ministers and MLAs will not be built by cutting trees
बता दें कि भोपाल के तुलसी नगर-शिवाजी नगर इलाके में मंत्री-विधायकों के बंगलों के लिए 29 हजार से ज्यादा पेड़ काटे जाने के प्लान का विरोध किया जा रहा है।

लोग बोले- आदेश निकाले सरकार
पूर्व पार्षद अमित शर्मा ने कहा कि इससे पहले भी कई बार आश्वासन दे चुके हैं। इससे पहले, पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी मौखिक कहा था, लेकिन हमें आदेश चाहिए। सरकार आदेश निकाले। इसके बाद ही हटेंगे। जब तक आदेश नहीं निकलता, पेड़ों को बचाने के लिए प्रदर्शन जारी रहेगा।
Bungalows of ministers and MLAs will not be built by cutting trees
पूर्व पार्षद ने बताया कि ये 29 हजार पेड़ 50 से 70 साल तक पुराने हैं। जिन्हें बचाने के लिए लोग सड़क पर उतर रहे हैं।

विधायक ने कहा था- नहीं कटेंगे पेड़
14 जून को नूतन कॉलेज के सामने हुए प्रदर्शन के दौरान पहुंचे विधायक भगवानदास सबनानी ने भी कहा था कि भोपाल की पहचान तालाब और यहां की हरियाली है। किसी भी हाल में पेड़ नहीं कटेंगे। विधायकों के आवास ऐसे स्थानों पर बनेंगे जहां पेड़ काटने की गुंजाइश नहीं रहे।
इससे पहले, 13 जून को शिवाजी नगर एवं तुलसी नगर की महिलाएं प्रदर्शन के दौरान पेड़ों से चिपक गई थीं। महिलाओं ने कहा कि पेड़ काटे जाते हैं, तो उग्र प्रदर्शन किया जाएगा। फिर चाहे सरकार उन्हें जेल में ही क्यों न बंद कर दे।
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जानिए, क्या है मामला
- तुलसी नगर, शिवाजी नगर की 297 एकड़ जमीन पर 2378 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट है।
- यहां 2,267 सरकारी बंगलों और मकानों को तोड़ा जाएगा।
- मंत्रियों के लिए 30 बंगले, 16 फ्लैट और 230 विधायकों के फ्लैट बनेंगे।
- 3,480 सरकारी अफसरों के बंगले और मकान भी बनाए जाएंगे।
- डेवलपर को निर्माण लागत के बदले में 63 एकड़ के लैंड पार्सल दिए जाएंगे।
- इन लैंड पार्सल पर डेवलपर रेसिडेंशियल व कमर्शियल डेवलपमेंट कर सकेगा।
- प्रोजेक्ट के लिए 29 हजार पेड़ों को काटने का विरोध किया जा रहा है।