कोर्ट का आदेश- बीमा कंपनी हादसे में मृत युवक के माता-पिता को 1.13 करोड़ हर्जाना दे
इंदौर। इंदौर जिला न्यायालय ने हादसे में मृत युवक के माता-पिता को एक करोड़ 13 लाख 41 हजार रुपये हर्जाना देने के आदेश दिए हैं। यह रकम बीमा कंपनी को वहन करना होगी, जिसकी टक्कर से युवक की मौत हुई थी। बीमा कंपनी ने यह कहते हुए पैसे देने से इंकार कर दिया था कि मृतक के माता-पिता भरण पोषण में सक्षम हैं।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि मोटरयान अधिनियम में हर्जाना आश्रितों को नहीं, बल्कि वारिसों को दिलवाई जाती है। बीमा कंपनी को यह रकम 30 दिन में देनी होगी।
इंदौर के सांवेर रोड पर रहने वाले 23 साल के आयुष गुप्ता चेन्नई की एमएनसी कंपनी में ग्लोबल रिसर्च के पद पर पदस्थ था। कंपनी उसे 12 लाख रुपये प्रतिवर्ष भुगतान करती थी। 25 जुलाई 2018 को सुबह करीब 11.30 बजे आयुष बाइक से जा रहा था। चेन्नई के गांधी मंडपन रोड पर एक ट्रक ने उसे टक्कर मार दी। ट्रक का पहिया आयुष की कमर से गुजर गया। उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
बीमा कंपनी ने किया था विरोध
आयुष के पिता राजीव कुमार गुप्ता और माता वंदना ने एडवोकेट एनके जाट के माध्यम से जिला कोर्ट में ट्रक का बीमा करने वाली यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, ट्रक के मालिक आर कलावथी निवासी चेन्नई और ड्राइवर सतीश कुमार पुंगावनम निवासी चेन्नई के खिलाफ क्षतिपूर्ति के लिए प्रकरण प्रस्तुत किया। बीमा कंपनी ने यह कहते हुए विरोध किया कि आयुष ने हेलमेट नहीं पहना था। उसके पास वैध लाइसेंस भी नहीं था। आयुष के माता-पिता भरण-पोषण में सक्षम हैं, इसलिए उन्हें क्षतिपूर्ति का अधिकार नहीं है।
कोर्ट ने बीमा कंपनी के तर्क खारिज किए
एडवोकेट जाट ने बताया कि कोर्ट ने बीमा कंपनी के तर्कों को अस्वीकार कर दिया। साथ ही, कंपनी को आदेश दिया कि वह मृतक के वारिसों को एक करोड़ 13 लाख 41 हजार 932 रुपये भुगतान करे। इस रकम पर दावा प्रस्तुत दिनांक से छह प्रतिशत की दर से ब्याज भी देना होगा।