लायंस क्लब ने फर्जी मरीजों की आंखों के ऑपरेशन किया; छिंदवाड़ा में नाम, पता, फोन नंबर गलत डाल कर डकारे करोड़ों
छिंदवाड़ा। लायंस क्लब की अस्पताल संस्था पर फर्जी मरीजों की आंखों के ऑपरेशन में करोड़ों का गोलमाल का आरोप लगा है। संस्था ने फर्जी मरीजों के नाम, पता और मोबाइल नंबर गलत डालकर शासन को करोड़ों रुपए की चपत लगा दी। इसका खुलासा समाज सेवी रिंकू चौरसिया की शिकायत पर स्वास्थ्य विभाग ने किया है। शासन ने लाइंस क्लब पर करोड़ों की रिकवरी निकाली है।
रिंकू चौरसिया ने छिंदवाड़ा में शनिवार को प्रेसवार्ता की। उन्होंने बताया कि 2022 में जिले भर में तकरीबन चार हजार लोगों की आंखों के ऑपरेशन किए गए। इसमें कागजी कार्रवाई के दौरान मरीजों के फर्जी नाम, मोबाइल नंबर, पता डाल दिए गए। इस तरह लायंस क्लब ने शासन को करोड़ों की चपत लगाई है।
रिंकू ने आरटीआई के माध्यम से दस्तावेज निकाले। इस आधार पर स्वास्थ्य विभाग से शिकायत की। तत्कालीन कलेक्टर शीतला पटले ने जांच टीम बनाई। इसमें जबलपुर और छिंदवाड़ा की डॉ. कंचन दुबे शामिल थीं। डॉ. दुबे ने दस्तावेजों में दिए गए समस्त मरीजों के मोबाइल नबंर, आधार कार्ड और पता की जांच की।
इसमें खुलासा हुआ कि अधिकांश ऑपरेशन फर्जी किए गए हैं। फर्जी तरीके से दस्तावेजों में मरीजों को दर्शा दिया गया। इसमें लाइंस क्लब की समाज सेवा करने की कलई खुल गई। ऐसा कई साल से किया जा रहा था।
ऐसे होती है भुगतान की प्रक्रिया
लायंस क्लब की ओर से ऑपरेशन के बाद दस्तावेज कंपलीट कर सीएमएचओ कार्यालय को प्रेषित किए जाते हैं। दस्तावेजों की जांच के बाद भोपाल भेज दिए जाते हैं। यहां से भी दस्तावेजों की जांच कर केंद्र शासन को भेजे जाते हैं। यहां से मुहर लगने के बाद संस्था को भुगतान किया जाता है। इस तरह भुगतान की प्रक्रिया पूरी की जाती है।
अंग दान के नाम पर भी खेल
इसके अलावा, समाजसेवी रिंकू चौरसिया ने लायंस क्लब परासिया पर आरोप लगाया है कि क्लब द्वारा मरीजों के मरने के बाद अंग दान करवाए जाते थे। इस अंगदान को भोपाल समेत अन्य बड़े महानगरों में बेच दिया जाता था। यही नहीं, इन्होंने विदेशोंं में भी दान किए अंगों को महंगे दामों में बेचा है।
लैंस के नाम पर मरीजों का ठगा
रिंकू का आरोप है कि मरीजों के ऑपरेशन के बाद चश्मा लगाया जाता है, लेकिन लायंस क्लब के अस्पताल में मरीजों के आंखों के ऑपरेशन के बाद लैंस लगाने में ठगा गया है। मरीजों को बोला जाता था कि ये लैंस अच्छा नहीं है। 10 हजार या 20 हजार वाला लगवाइए, जो लंबे समय तक टिका रहेगा। इस तरह दो हजार के लैंस को किसी मरीज को 10 हजार में, तो किसी को 20 हजार में दिया जाता था।
डॉ. जीसी चौरसिया ने बताया कि शिकायत के बाद भोपाल के अधिकारियों ने विभागीय टीम बनाकर मामले की जांच की गई है। इसमें जबलपुर और छिंदवाड़ा के डॉक्टर शामिल थे। टीम ने जांच पूरी कर ली है। जांच टीम ने रिपोर्ट नहीं सौंपी है। रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
संस्था पर लगे आरोप निराधार
लायंस क्लब के अध्यक्ष बबलू साहू ने बताया कि क्लब के आय अस्पताल को बदनाम किया जा रहा है। संस्था पर लगाए गए आरोप निराधार हैं। जिस व्यक्ति ने भी आरोप लगाए हैं, वह पुख्ता सबूत लेकर आए, उसके बाद बात करे। संस्था का कम्पलीट आर्डिट करवा लिया है। यदि शिकायत झूठी निकलती है, तो संबंधित व्यक्ति की शिकायत कर कार्रवाई की जाएगी।