उज्जैन जेल गबन कांड के पीड़ित कर्मचारियों का पैसा लौटाएगी सरकार, जेल ADG बोले- जल्द अकाउंट में डाले जाएंगे
उज्जैन। उज्जैन की केंद्रीय जेल भैरवगढ़ में 13.50 करोड़ गबन मामले में पीड़ित कर्मचारियों के लिए ये खबर राहत भरी है। जेल एडीजी अखेतो सेमा ने कहा कि किसी भी कर्मचारी का नुकसान नहीं होने दिया जाएगा। डीपीएफ अकाउंट से गबन हुई राशि सरकार लौटाएगी। गुरुवार को एडीजी अखेतो सेमा और डीआईजी मंशाराम पटेल उज्जैन पहुंचे।
एडीजी ने यहां मीडिया से भी बात की। उन्होंने कहा कि शासन निर्णय ले चुका है कि जिन अधिकारी- कर्मचारी का पैसा खाते से गबन कर निकाला गया है, उन्हें सरकार भुगतान करेगी। चाहे एक लाख हो या 10 लाख। सभी 67 से 70 कर्मचारियों के लिए उच्च स्तर पर निर्णय हुआ है कि सभी के खातों में राशि डाल दी जाएगी। हालांकि, एडीजी ने यह नहीं बताया कि पैसा कब तक कर्मचारियों के खाते में पैसा आएगा। उन्होंने यह जरूर कहा कि जो लोग रिटायर्ड होने वाले हैं, पहले उनके खाते में पैसा आएगा। इसके बाद धीरे-धीरे सभी कर्मचारियों के अकाउंट में पैसा आना शुरू हो जाएगा।
अब की जाएगी सख्ती
जेल एडीजी अखेतो खेमा ने कहा कि आरोपियों से रिकवरी और जांच जारी है। एसआईटी की टीम लगातार जांच कर रही है, लेकिन रिकवरी कुछ नहीं हो पाई है। अब तक 10 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिनसे 3 करोड़ से अधिक की रिकवरी एसआइटी कर चुकी है। अब डीडीओ को दिए जाने वाले आईडी पासवर्ड पर सख्ती से नजर रखी जाएगी। आने वाले समय में बदलाव किए जा रहे हैं।
वर्तमान में केस की स्थिति
मामले में 13 लोगों को आरोपी बनाया गया है। इनमें से 9 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। इनमें 3 सटोरिए हैं। कोर्ट के आदेश पर पूर्व जेल अधीक्षक उषा राज, रिपुदमन, शैलेंद्र सिकरवार इंदौर जेल में बंद हैं। वहीं, अन्य आरोपी शुभम भैरवगढ़ जेल में है।
ऐसे खुला गबन कांड
उज्जैन की जिला केंद्रीय भैरवगढ़ जेल के प्रभारी मुख्य प्रहरी एसके चतुर्वेदी के विभागीय भविष्य निधि (DPF) अकाउंट से 12 लाख व प्रहरी उषा कौशल प्रहरी के अकाउंट से 10 लाख रुपए निकालने के लिए ऑनलाइन प्रोसेस की गई। भुगतान के लिए ऑनलाइन रिक्वेस्ट जिला कोषालय पहुंची।
9 मार्च 2023 को जिला कोषालय अधिकारी ने जांच की। पता चला कि दोनों जेल कर्मचारियों के DPF राशि उनके अकाउंट में न जाकर बैंक ऑफ इंडिया शाखा भैरवगढ़ के अकाउंट नंबर 912610110007092 में जमा हो रही है। यहीं से ट्रेजरी अधिकारी को शक हुआ। जांच की, तो 2020-21 से 2023 तक 100 मामलों में इसी तरह का ट्रांजैक्शन मिला। 9 मार्च को कोषालय ने बैंक ऑफ इंडिया को पत्र लिखकर खाते फ्रीज करने कहा। इसके बाद पूरा घोटाला सामने आया।