मध्यप्रदेश प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी भंग, जिला अध्यक्ष और जिला प्रभारी काम करते रहेंगे

भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव में हार के बाद प्रदेश कांग्रेस में सर्जरी शुरू हो गई है। पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को हटाया गया। फिर प्रदेश प्रभारी बदला। अब मध्यप्रदेश कार्यकारिणी को भंग कर दिया गया है। मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस प्रभारी जितेंद्र सिंह ने ये जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि आगामी आदेश तक जिला अध्यक्ष और प्रभारी काम करते रहेंगे। अब नए सिरे से नियुक्तियां होंगी।
इससे पहले, भोपाल स्थित कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय (PCC) में नवनियुक्त मध्यप्रदेश प्रभारी भंवर सिंह सोलंकी ने कार्यकर्ताओं की बैठक ली। बैठक में कांग्रेस के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने जमकर भड़ास निकाली। साथ ही, विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार का कारण पार्टी की अंदररूनी कलह को बताया।
छतरपुर कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने निकाली भड़ास
छतरपुर के जिलाध्यक्ष महाप्रसाद पटेल ने कहा, ‘पार्टी को अपने लोगों ने ही हरवाया है। हम भाजपा से नहीं, कांग्रेस से हारे हैं। संगठन में नियुक्तियां हो जाती हैं, प्रभारी को पता तक नहीं होता। राजस्थान में भाजपा ने पहली बार के विधायक को CM बना दिया। सभी को तवज्जो दी जानी चाहिए। बड़े नेताओं को लोकसभा चुनाव लड़ाना चाहिए। टिकट जल्द घोषित करें।’
मंगलवार को बैठक से पहले भंवर सिंह ने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी विधानसभा चुनाव में अच्छा परफॉर्मेंस नहीं दे पाई, लेकिन इस बात की खुशी है कि कार्यकर्ताओं में अभी भी जोश है।’
प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा, ‘विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 40% मत मिला है।’ पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह, पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा और दूसरे बड़े नेता भी बैठक में शामिल हुए।
पटेल बोले- कोई मोदी लहर नहीं…
छतरपुर कांग्रेस के जिलाध्यक्ष महाप्रसाद पटेल ने कहा, ‘छतरपुर की किसी भी विधानसभा में कांग्रेस को 50 हजार से कम वोट नहीं मिले। कांग्रेस को कांग्रेस ने ही हराया। कुछ इसी में ताकत लगाते रहे कि कैसे हराएं, जिताने में ताकत नहीं लगाई।’
बोले- ‘कहीं मोदी लहर नहीं है। भाजपा वाले मोदी लहर बनाते हैं। छतरपुर की ही बात करें तो 8 विधानसभा में 50-50 हजार वोट मिले, यानी 4 लाख वोट हमारे पास हैं। खजुराहो लोकसभा में सबसे अच्छे प्रत्याशी आलोक चतुर्वेदी रहेंगे। मेरा माना है कि वे जीतेंगे।’
- टीकमगढ़ जिलाध्यक्ष नवीन साहू ने कहा, ‘जो विधायक चुनाव जीते हैं, वे कांग्रेस का कार्यालय क्यों नहीं बनवाते? हमारे यहां कई बार नेता चुनाव जीते, मंत्री भी बने लेकिन कांग्रेस का कार्यालय नहीं बनवाया।’
- एक पदाधिकारी ने कहा, ‘जिलाध्यक्ष या शहर अध्यक्ष पर हार का ठीकरा फोड़ना ठीक नहीं। ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति विधायक, पूर्व विधायक की पसंद से होती है। ये लोग संगठन की बैठकों में आते नहीं। धरना-प्रदर्शन, चक्काजाम जिलाध्यक्ष के जिम्मे होते हैं। ऐसे में हार पर सबकी जिम्मेदारी फिक्स होनी चाहिए।’
जितेंद्र बोले- शिवराज को साइड कर दिया
बैठक से पहले जितेंद्र सिंह ने मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल में गोपाल भार्गव को शामिल नहीं किए जाने पर कहा, ‘यह भाजपा का अंदरूनी मामला है, लेकिन व्यक्तिगत रूप से मुझे दुख होता है। बहुत सारे सीनियर लोग हैं, चाहे विजयवर्गीय हों, पटेल हों, तोमर हों और खासतौर पर शिवराज सिंह चौहान… जिनको आगे रखकर चुनाव लड़ा गया, उनको एक तरह से साइड में कर दिया गया।’