Sunday, June 8, 2025
MP

भोपाल की ‘लाइफ लाइन’ को नुकसान!: बड़ा तालाब-कोलांस नदी को लेकर सीहोर मास्टर प्लान में नियमों की अनदेखी

भोपाल। भोपाल की लाइफ लाइन माने जाने वाले बड़ा तालाब पर संकट के बादल छाए हैं। सीहोर के नए मास्टर प्लान 2035 को लेकर दावे-आपत्ति की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। भोपाल के प्रस्तावित मास्टर प्लान 2031 की तर्ज पर ही सीहोर मास्टर प्लान में गड़बड़ियों के प्रावधान हैं। इसमें केंद्र सरकार के वेटलैंड रूल 2017 के प्रावधानों पर अमल नहीं किया गया। जलभराव क्षेत्र में आने वाले गांवों में सड़कों की प्लानिंग की गई है। आबादी विस्तार के कारण जलभराव क्षेत्र के साथ कैचमेंट एरिया को नुकसान होगा। इस पर पर्यावरणविद समेत सिटीजन फोरम ने आपत्ति जताई है।

अर्बन एक्सपर्ट के मुताबिक बड़ा तालाब को वर्ल्ड फेम रामसर साइट का दर्जा मिला है। बड़ा तालाब के कैचमेंट समेत कोलांस नदी के संरक्षण जरूरी है। सीहोर के प्रस्तावित मास्टर प्लान 2035 में इसके संरक्षण के विपरीत प्रावधान हैं। जीआईएस बेस्ड मास्टर प्लान का दावा किया, लेकिन इसका प्रारूप सिर्फ पीडीएफ फॉर्मेट में जारी किया गया। कोलांस नदी के जलभराव क्षेत्र का उल्लेख ही प्लान में नहीं किया गया।

बेशकीमती जमीनों के लिए साजिश
बड़ा तालाब और कोलांस नदी को लेकर एनजीटी में लड़ाई लड़ रहे पर्यावरण प्रेमी राशिद नूर खान ने बताया कि तालाब से लगी जमीन बेशकीमती है। रसूखदारों के नाम इन भूमियों पर निर्माणों को लेकर षड्यंत्र किया जा रहा है। इसे लेकर लेटरबाजी हुई। केंद्र सरकार के नियम और न्यायालय के आदेशों से भी अवगत कराया गया। बावजूद प्रावधानों को दरकिनार किया गया है। कई प्रावधानों का उल्लेख ड्राफ्ट में होने के बाद मानचित्र से गायब हैं।

ऐसी गड़बड़ी की गई

  • मास्टर प्लान का जीआईएस प्रारूप जारी नहीं किया गया। इसे एफटीएल से लगे गांवों की वास्तविक स्थिति की जानकारी नहीं है।
  • जलभराव क्षेत्र के ग्रामीण आबादी विस्तार प्रावधान को 250 मीटर परिधि के स्थान पर 150 मीटर किया गया है। प्रावधानों के विपरीत 100 मीटर बढ़ाया गया है।
  • कैचमेंट का नक्शे में प्रावधानों को छिपाया गया है। इसमें माइनर व मेजर स्ट्रीम को नहीं दर्शाया।
  • जलभराव क्षेत्र के गांवों में गतिविधियाें का उल्लेख नहीं किया।
  • कैचमेंट एरिया के गावों और जलभराव क्षेत्र के गांवों में सड़कें बनाईं।
  • कोलांस नदी के जोन ऑफ इन्फ्लुएंस के प्रावधानों को स्पष्ट उल्लेख नहीं।

भोपाल मास्टर प्लान में भी अनियमितता
भोपाल के प्रस्तावित मास्टर प्लान 2031 में भी बड़ा तालाब के कैचमेंट को लेकर गड़बड़ियां की गईं। कैचमेंट में आने वाले 17 गांवों को नहीं दर्शाया गया। चार क्षेत्र में जलभराव क्षेत्र से होते हुए सड़कों की प्लानिंग की गई। तालाब का ग्रीन एरिया भी कम कर दिया। इसके विस्तार में भी छेड़खानी की गई। तालाब का कुल विस्तार 38 वर्ग किलोमीटर है। इसे मास्टर प्लान में चार वर्ग किलोमीटर दिखाया गया। तालाब को लेकर 300 से अधिक दावे-आपत्तियां दर्ज हैं।

दावे-आपत्तियों की होगी सुनवाई
नगरीय विकास एवं आवास विभाग प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई की अध्यक्षता में दावे आपत्ति की सुनवाई होगी। जरूरत के मुताबिक संशोधन किया जाएगा। सरकार की मुहर के बाद फिर संशोधित मास्टर प्लान प्रकाशित होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *