खुले बोर में गिरी 4 साल की मासूम की मौत, रात 3 बजे बेहोश की हालत में निकाली, सुबह अस्पताल में दम तोड़ा
राजगढ़। राजगढ़ में मंगलवार को बोरवेल में गिरी 4 साल की बच्ची माही आखिरकार बुधवार सुबह जिंदगी की जंग हार गई। उसे रात करीब सवा तीन बजे बेहोशी की हालत में बाहर निकाला गया था। उसे सीधे पचोर अस्पताल ले जाया गया, जहां से हमीदिया अस्पताल भोपाल रेफर कर दिया गया। यहां सुबह सात बजे दम तोड़ दिया।
हादसा बोड़ा थाना क्षेत्र के पिपलिया रसोड़ा गांव में मंगलवार शाम 5.40 बजे हुआ था। भोपाल से पहुंची SDERF और एनडीआरएफ की टीम ने उसे रेस्क्यू किया।
नाना-नानी के साथ से छूटकर भागी माही बोरवेल में गिर गई थी। मासूम 150 फीट गहरे बोरवेल में 17 फीट की गहराई पर फंसी थी। नाना-नानी ने बच्ची से बात की, फिर उन्होंने गांव के लोगों को बुलाया। सूचना के बाद शाम करीब 6 बजे पुलिस टीम ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर पहुंची। रेस्क्यू टीम ने बोरवेल के समानांतर गड्ढा खोदा। इसके बाद प्रशासन ने 5 फीट की सुरंग बनाई।
बच्ची पटाड़िया गांव की रहने वाली है, जो मां हेमा के साथ नाना इंदर सिंह के घर आई थी। सूचना पर एसडीएम अंशुमन राज सहित प्रशासनिक अमला और पुलिस पहुंच गए थे। कलेक्टर हर्ष दीक्षित और एसपी धर्मराज मीणा भी मौके पर थे। आस-पास के गांवों के लोग भी पहुंच गए थे।
बच्ची के हर मूवमेंट पर कैमरे से नजर
बोरवेल में कैमरा डालकर बच्ची के हर मूवमेंट पर नजर रखी जा रही थी। उस तक लगातार ऑक्सीजन पहुंचाई जा रही थी। रेस्क्यू टीम ने बताया कि बोर के अंदर से उसके रोने की आवाज रुक-रुककर आ रही थी।

नाना ने 3 बोर कराए, जिन 2 में पानी नहीं निकला, वे खुले पड़े
माही के परिजन मुकेश भिलाला ने बताया कि ग्राम पिपलिया रसोड़ा में इंदरसिंह भिलाला और विष्णु भिलाला दोनों भाई हैं। इंदर के दो बेटे नंदन, देवेंद्र और एक बेटी हेमा है। इंदर की बेटी हेमा की शादी 6 साल पहले पटाड़िया के रवि भिलाला से हुई थी। माही, हेमा की बेटी थी।
दिवाली पर इंदर ने अपने खेत में सिंचाई के लिए एक के बाद एक तीन बोर करवाए। दो बोर में पानी नहीं निकला। तीसरे बोर में अच्छा पानी निकला। जिन दो बोर में पानी नहीं निकला उनमें से पिछले 8 दिन पहले ही कैसिंग पाइप निकाल लिए गए थे। बोर खुले पड़े हैं। गांव से दो किलोमीटर दूर जंगल में खेत होने की वजह से यहां ज्यादा कोई आते-जाते नहीं हैं।
हेमा रविवार को अपनी बेटी माही के साथ पिता और भाई से मिलने आई थी। मंगलवार को दोपहर का खाना खाने के बाद परिवार खेत पर काम करने गया था। इसी दौरान हादसा हो गया।
तीन दिन पहले जिद करके आई थी बच्ची
माही के पिता रवि देवास में प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं। तीन दिन पहले उसके नाना इंदर सिंह देवास गए थे, जहां से नातिन की जिद के चलते मां हेमा के साथ उसे लेकर आए थे। बताया जा रहा है कि कई बार बच्ची अकेले ही नाना के साथ गांव आ जाती थी। वो नाना के घर ही रहना पसंद करती थी।
