स्कूटी सवार MBBS छात्राओं को ट्राॅले ने टक्कर मारी, बैतूल की छात्रा की मौत; दो गंभीर
भोपाल। भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज (GMC) से MBBS की तीन छात्राओं की एक्टिवा को बुधवार देर रात 11.30 बजे ट्राॅले ने टक्कर मार दी। हादसे में एक छात्रा की मौत हो गई। दो छात्राएं गंभीर रूप से घायल हो गईं। उन्हें हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पुलिस ने ट्रॉला ड्राइवर कालू को गिरफ्तार कर लिया है। ड्राइवर ने पुलिस को बताया कि उसे नींद का झोंका आ गया था, तभी हादसा हो गया।
जीएमसी के डीन डॉ. सलिल भार्गव ने बताया कि कॉलेज की MBBS सेकेंड ईयर की स्टूडेंट गुंजन, निशिता और छवि सिंह गांधी नगर क्षेत्र में रंगला पंजाब ढाबे के नजदीक सड़क किनारे खड़ी थीं। यहां से गुजर रहे ट्राॅले ने उन्हें टक्कर मार दी। हादसे में गुंजन की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। छवि सिंह उर्फ बिट्टू और निशिता कठेरिया घायल हो गईं। छवि की हालत नाजुक है।
गुंजन के पिता SBI में मैनेजर
तीनों का 2021 में नीट यूजी काउंसलिंग के जरिए MBBS में एडमिशन हुआ था। गुंजन बैतूल की रहने वाली थी। पिता लोकेंद्र सारंनकर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के भोपाल में मैदा मिल रोड स्थित एलएचओ ऑफिस में चीफ मैनेजर हैं। परिवार में गुंजन का छोटा भाई है, जो इंदौर से पढ़ाई कर रहा है। गुंजन कॉलेज के हॉस्टल में रह रही थी। पिता लोकेंद्र परिवार समेत अरेरा कॉलोनी ई-3 के पारस सिटी में रहते हैं।
निशिता जबलपुर और छवि राजस्थान के बीकानेर की रहने वाली
रिकॉर्ड के मुताबिक निशिता कठेरिया जबलपुर के आधारतल और छवि सिंह उर्फ बिट्टू राजस्थान के बांसवाड़ा की रहने वाली है। हादसे में घायल छात्रा छवि सिंह के पिता प्रदीप सिंह ने बताया कि बेटी रात में हॉस्टल से दोस्तों के साथ पार्टी करने का कहकर निकली थी। इसकी जानकारी छवि ने हॉस्टल से पार्टी के लिए जाने से पहले दी थी। प्रदीप सिंह, राजस्थान पुलिस में इंस्पेक्टर हैं। उन्होंने बताया कि वह मूल रूप से बीकानेर के रहने वाले हैं। लेकिन, वर्तमान में पोस्टिंग बांसवाड़ा में हैं।
दोनों छात्राओं की हालत गंभीर
निशिता की सर्जरी गुरुवार दोपहर 1 बजे हुई है। शरीर में मल्टीपल फ्रैक्चर हैं। वहीं, छवि उर्फ बिट्टू का ऑपरेशन दोपहर 2 बजे हुआ है। उसके पेट की स्पिलन रप्चर हुई है। इसके अलावा, पसलियों में फ्रैक्चर हुआ है। हमीदिया में छात्रा का इलाज कर रहे डॉक्टर्स के मुताबिक छवि के पेट की स्पिलन फटने और पसलियों में फ्रैक्चर के कारण पेट में खून भर गया है। ब्लड को निकालने के लिए सीने में अलग से आर्टिफीशियल ट्यूब लगाई गई है।