छिंदवाड़ा में महिला कार्ड से भाजपा होगी सफल? कांग्रेस को पुराने चेहरे पर भरोसा
छिंदवाड़ा। मध्यप्रदेश विधान सभा चुनाव के लिए वोटिंग के बाद छिंदवाड़ा में ईवीएम पीजी काॅलेज में सुरक्षा व्यवस्था में कैद हैं। प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला 3 दिसंबर काे होगा। इस फैसले पर सबकी निगाहें टिकी हैं। इस बीच, सभी राजनीतिज्ञ अपने आकलन लगा रहे हैं। सभी जगह एक ही चर्चा है। किसके सिर सजेगा ताज? कांग्रेस और भाजपा से कौन जीतेगा? प्रदेश में किसकी सरकार बनेगी?
परासिया में पिछले पांच साल से मेहनत कर रहे ताराचंद बाबरिया को भाजपा ने इस बार टिकट नहीं देकर किनारा कर लिया है। उनकी जगह भाजपा ने ज्योति डेहरिया को प्रत्याशी बनाया था। यह डेहरिया समाज बाहुल्य क्षेत्र में शुमार है। दूसरा भाजपा ने महिला आरक्षण के तहत महिला कार्ड खेलकर कांंग्रेस को पटखनी देने की कोशिश की है।
हालांकि भाजपा के इस फैसले के बाद पूर्व विधायक ताराचंद बाबरिया नाराज हो गए। उनके समर्थकों में भी नाराजगी देखने मिल रही है। इसके बाद विधानसभा चुनाव ज्योति के लिए चुनौतीपूर्ण भरा रहा है। शुरुआत में उनके पास कार्यकर्ताओं की कमी थी। इस कारण उन्हें जनसंपर्क में परेशानियों का सामना करना पड़ा था।
हालांकि भाजपा संगठन के हस्तक्षेप के बाद यहां ज्योति के चुनाव प्रचार ने जोर पकड़ा या था। इधर, कांग्रेस ने पुराने चेहरे पर दांव खेला। उनके पास कार्यकर्ताओं की लंबी चौड़ी फौज थी। वहीं, उन्हें चुनाव लड़ने का भी अनुभव था, इसलिए उन्हें चुनावी शतरंज बिसात का सहयोग लिया। इधर, ज्योति डेहरिया संगठन से चुनावी मैदान तक पहुंची है। उन्हें चुनाव का ज्यादा अनुभव नहीं है।
भाजपा ने खेला महिला कार्ड
भाजपा ने पहली बार परासिया में महिला को उतारकर महिला कार्ड खेला है। इसे लेकर डेहरिया समाज में खुशी देखी गई है। वहीं, लाड़ली बहना योजना का लाभ भी मिल सकता है। इसके साथ किसान सम्मान निधि योजना भी देखने मिल सकती है। कांग्रेस के डेहरिया समाज के दिग्गज ने भाजपा की सदस्यता ली। इससे यहां भाजपा मजबूत दिखी। नारी सम्मान योजना से मिलेगा लाभ कांग्रेस ने यहां से पुराने चेहरे सोहन बाल्मीकी पर दांव खेला है। वह पूर्व सीएम कमलनाथ के करीबी हैं। उनके साथ कार्यकर्ताओं की फौज है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने यहां से नारी सम्मान योजना की शुरुआत की थी।
महंगाई, बेरोजगारी, कर्मचारियों की नाराजगी जैसे अनेक मुद्दों पर कांग्रेस ने भाजपा को हांसिए पर ला दिया है। हालांकि डेहरिया समाज ने भी कांग्रेस से डेहरिया समाज के प्रत्याशी की मांग की थी। चेहरा रिपीट है। 2018 के चुनाव परिणाम परासिया विधानसभा सीट पर साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कुल 2,02,621 वोटर मौजूद थे, जिनमें से 79,553 ने कांग्रेस उम्मीदवार सोहनलाल बाल्मीकि को जिताया था, जबकि 66,819 वोट पा सके। बीजेपी प्रत्याशी ताराचंद बावरिया 12,734 वोटों से चुनाव हार गए थे।
2013 के चुनाव परिणाम
2013 में हुए विधानसभा चुनाव में परासिया विधानसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार सोहनलाल वाल्मीकि ने जीत हासिल की थी। उन्हें 72,235 मत मिले थे। विधानसभा चुनाव 2013 के दौरान इस सीट पर बीजेपी उम्मीदवार ताराचंद बावरिया को 65,373 वोट मिल पाए थे। वह 6,862 वोटों के अंतर से दूसरे पायदान पर रह गए थे।
2008 के चुनाव परिणाम
2008 में परासिया विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी उम्मीदवार ताराचंद बावरिया को कुल 50,156 वोट हासिल कर विधानसभा पहुंचे थे, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी सोहनलाल वाल्मीकि दूसरे पायदान पर रह गए थे, क्योंकि उन्हें 50,063 वोटरों का ही समर्थन मिल पाया था। वह 93 वोटों से चुनाव में पिछड़ गए थे।