छिंदवाड़ा जिला अस्पताल में दवाओं का टोटा, बाहर से खरीदनी पड़ रहीं, अस्पताल प्रबंधन नहीं दे रहा ध्यान
छिंदवाड़ा। जिला अस्पताल में आने वाले मरीज भगवान भरोसे हैं। पिछले एक महीने से औषधि वितरण केंद में दवाइयों का टोटा है। इलाज के बाद दवाइयों के लिए पहुंच रहे मरीज खाली हाथ लौट रहे हैं। इनमें गंभीर बीमारियों की दवाइयां भी शामिल हैं। अस्पताल मैनेजमेंट इस पर ध्यान नहीं दे रहा। ऐसे में मरीज बाहर से दवाइयां खरीदने को मजबूर हैं। ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीज को ज्यादा परेशानी हो रही है।
दरअसल, जिला अस्पताल में सभी मर्ज की तकरीबन 206 औषधि हैं, जो औषधि वितरण केंद्र के माध्यम से मरीजों को वितरित की जाती है। अस्पताल में आने वाले अधिकतम मरीज गरीब वर्ग के होते हैं। जो बाहर से दवाइयां खरीदने में सक्षम नहीं है। वर्तमान में औषधि वितरण केंद्र में तकरीबन तकरीबन दो से तीन महीनों से 126 दवाइयों का टोटा है।
हालात यह है कि 70 से 80 दवाइयों की कमी से जूझ रहा है। औषघि वितरण केंद्र में दवाइयां लेने पहुंच रहे मरीजों को लौटना पड़ रहा है, जबकि औषधि की कमी को लेकर सिविल सर्जन को पत्र व्यवहार भी किया जा चुका है। इसके बाद भी उन्होंने दवाइयों की कमी पूरा नहीं की।
सोनाखार से आए मंगेश धुर्वे ने बताया कि उसके पिता को आंख में तकलीफ है। डॉक्टर को दिखाने के बाद वह दवाइयां लेने पहुंचे। औषधि वितरण केंद्र में बताया कि दवाइयां खत्म हो गई हैं। उसे पिता के लिए बाहर से दवाइयां खरीदना पड़ी।
ये दवाइयां खत्म
औषधि वितरण केंद्र में कुल 206 दवाइयां है। जिनमें मरीजों को साधारण मर्ज की 70 से 80 दवाइयां ही मिल रही हैं। तकरीबन 126 दवाइयां में शुमार मेटफारमिंग शुगर की गोली, एमोक्सी केल्वोमेंट, एंटी एलर्जी, खांसी के सिरप, गैस के सिरप, लीवो सिट्राजिन, अटोरवास्टिन खून पतला करने की दवा, नॉरिथिस्टॉन महिला संबंधि दवा, ट्रेनेक्सा, इथम सायलेट, क्लोपिडोगरेल हाथ से संबंधित दवा, आई ड्राप, आइटमेंट सहित अन्य दवाइयां नहीं है।
सैकड़ों मरीज दवा से वंचित
जिला अस्पताल में रोजाना एक हजार के आसपास मरीज ओपीडी में आते हैं। इनमें करीब 300 से ज्यादा से अधिक मरीज बिना दवा लिए लौट रहे हैं। इनमें अधिकांश मरीज ऐसे हैं, जो गरीब तबके के होते हैं।