छिंदवाड़ा के गांव में सांसद-विधायक को घुसने से रोका, सड़क बनाने के एग्रीमेंट पर दस्तखत के बाद ही घुसने दिया
छिंदवाड़ा। चुनाव के समय प्रत्याशी मतदाताओं से बड़े-बड़े वादे करते हैं। सत्ता पाने के बाद वह मतदाताओं की ओर देखता तक नहीं है। ऐसा ही हाल छिंदवाड़ा के जुन्नारदेव के विलावरकला गांव का है। यहां पिछले पांच साल से गांव वाले सड़क बनाने की मांग कर रहे थे। मांग पूरी नहीं हुई, तो लोग भड़क गए। विधानसभा चुनाव के लिए सांसद नकुलनाथ और कांग्रेस प्रत्याशी सुनील उइके को गांव वालों ने गांव में नहीं घुसने दिया। लोगों का कहना था- रोड नहीं, तो वोट नहीं। सभा स्थल पहुंचने के पहले दोनों को रोक लिया। इसका वीडियो भी सामने आया है।
वीडियो में प्रत्याशी ग्रामीणों से कहते दिख रहे हैं कि मई महीने तक सड़क बन जाएगी। ग्रामीणों ने उन्हें भी अंदर नहीं जाने दिया। आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने सुनील उइके से एग्रीमेंट पर दस्तखत करवा लिए। उसके बाद ग्रामीणों ने कहा- जब तक साहब यानी सांसद नहीं कहेंगे, तब तक नहीं मानेंगे। इसके बाद सांसद नकुलनाथ ने भी आश्वासन दे दिया। इसके बाद ही ग्रामीणों ने उन्हें सभा स्थल तक पहुंचने दिया। हालांकि ग्रामीणों में गुस्सा देखा जा रहा है।
दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जिस छिंदवाड़ा विकास मॉडल का गुणगान कर रहे हैं, उसी की परतें सामने आ रही हैं। फिलहाल, जुन्नारदेव के बिलावर कला गांव का वीडियो सामने आया है। गांव वाले सड़क के लिए सड़क पर उतर आए। यहां कई साल से सड़क नहीं है। बारिश में कीचड़ हो जाता है।
लिखकर देना पड़ा आश्वासन
वीडियो में ग्रामीण विधायक सुनील उइके के सामने रोड बनाने की बात करते नजर आ रहे हैं। उम्मीदवार सुनील उइके की इस कथनी-करनी के कारण सांसद नकुलनाथ को भी ग्रामीणों की खरी-खोटी सुनने मिली। लोगों ने आरोप लगाया कि जब पिछले पांच साल में विकास कार्य नहीं हुए, लोगों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिली, तो अब कैसे विश्वास करें? ग्रामीणों ने कहा- पहले लिखकर दो, इसके बाद सोचेंगे। हालांकि कांग्रेस उम्मीदवार ने तत्काल हस्ताक्षर कर दिए।
खैरवाड़ा में भी लगे बैनर
इधर, पांढुर्णा के खैरवाड़ा गांव में भी रोड नहीं तो वोट नहीं के बैनर लगा दिए हैं। ग्रामीणों में रोष है। गांव वालों ने बताया कि यहां 35 साल से सड़क नहीं बनी है। यहां से शहर महज एक से डेढ़ किमी है। स्कूली बच्चों को डैम के पिलर कूदकर जान जोखिल में डालकर जाना पड़ता है। बारिश में यहां की रोड में कीचड़ हो जाता है। बच्चे फिसलकर गिरते हैं। दो पहिया वाहन चालक भी फिसल जाते हैं। आवागमन करने में परेशानी होती है। शहर महज दो किमी है, उसके बाद भी ग्रामीणों को 13 किमी घूमकर जाना पड़ता है। ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, सांसद नकुलनाथ, पूर्व विधायक नानाभाऊ मोहोड़, विधायक नीलेश उइके सभी आश्वासन दे चुके है। उसके बाद भी सडक़ नहीं बनी है।