29 MLA पर क्रिमिनल केस में आरोप तय, कांग्रेस के 16, भाजपा के 12 विधायक; इनमें 24 फिर लड़ रहे चुनाव
भोपाल। मध्यप्रदेश के मौजूदा 29 विधायकों पर आपराधिक प्रकरणों में कोर्ट ने आरोप तय किए हैं। इनमें कांग्रेस के सबसे ज्यादा 16, जबकि भाजपा के 12 और बसपा से एक विधायक शामिल हैं। इन मामलों में 6 महीने से लेकर 2 साल तक की सजा का प्रावधान है। बड़ी बात ये है कि इनमें से 24 विधायक वर्तमान में चुनावी मैदान में हैं।
इन विधायकों ने 2018 के विधानसभा चुनाव और 2020 के उपचुनाव में शपथ पत्र में जानकारी दी थी। इन्हीं शपथ पत्रों की जांच कर एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और इलेक्शन वॉच ने बुधवार को रिपोर्ट जारी की है।
रिपोर्ट के मुताबिक 10 विधायकों के खिलाफ ये मामले 10 साल या इससे अधिक समय से लंबित हैं। बाकी 19 विधायकों पर करीब 6 साल पहले मामले दर्ज किए गए थे। एडीआर ने पिछली रिपोर्ट में जानकारी दी थी कि वर्तमान विधानसभा के 93 विधायकों के खिलाफ अलग-अलग न्यायालयों में केस विचाराधीन हैं। इन्हीं में से 29 पर आरोप तय कर दिए गए हैं।
मर्डर से लेकर रिश्वत तक के मामले
इन विधायकों पर मर्डर, रेप, डकैती, लूट, अपहरण, महिलाओं पर अत्याचार, रिश्वत लेने जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं। कुछ पर धर्म, नस्ल, भाषा के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता, भ्रष्टाचार, मनी लॉन्ड्रिंग, अवैध कब्जा, परिवहन, फेरा, जमाखोरी, मुनाफाखोरी से संबंधित केस शामिल हैं।
इन माननीयों पर आरोप तय
इनमें भाजपा से मंत्री राजेंद्र शुक्ला (रीवा), रामखेलावन पटेल (अमरपाटन), कमल पटेल (हरदा), प्रद्युम्न सिंह तोमर (ग्वालियर) शामिल हैं। वहीं, विधायक विक्रम सिंह विक्की (रामपुर बघेलान), अनिरुद्ध माधव मारू (मनासा), राम डांगोरे (पंधाना), पारस जैन (उज्जैन उत्तर), प्रणय प्रभात पांडेय (बहोरीबंद), केपी त्रिपाठी (सेमरिया), जालम सिंह पटेल (नरसिंहपुर), प्रहलाद लोधी (पवई) के नाम भी इस सूची में हैं।
कांग्रेस के विधायकों में सोहन लाल बाल्मीकि (परासिया), घनश्याम सिंह (सेवढ़ा), विक्रम सिंह नाती राजा (राजनगर), नर्मदा प्रसाद प्रजापति (गोटेगांव), प्रताप ग्रेवाल (सरदारपुर), जितेंद्र पटवारी (राऊ), महेश परमार (तराना), सुखदेव पांसे (मुलताई), सुनीता पटेल (गाडरवारा), कुणाल चौधरी (कालापीपल), सचिन बिरला (बड़वाह, अब भाजपा में), दिलीप गुर्जर (नागदा खाचरोद), राकेश मावई (मुरैना), रामचंद्र दांगी (ब्यावरा), विपिन वानखेड़े (आगर मालवा), अजब सिंह कुशवाह (सुमावली) शामिल हैं। इसके अलावा पथरिया से बसपा विधायक रामबाई सिंह के विरुद्ध भी आरोप तय हो चुके हैं।
इन 29 विधायकों में कांग्रेस के 16, बीजेपी के 12 और बीएसपी का एक MLA शामिल है। बीजेपी ने 12 में से 3 विधायक- राम डांगोरे, पारस जैन, जालम सिंह पटेल के टिकट काटे हैं। वहीं, कांग्रेस ने राकेश मावई, रामचंद्र दांगी को टिकट नहीं दिया है। सचिन बिरला कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुके हैं। उन्हें मिलाकर 24 विधायक फिर चुनाव लड़ रहे हैं।
सजा का भी प्रावधान
रिपोर्ट के अनुसार विधायकों के विरुद्ध लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8(1), 8(2), 8(3) के अंतर्गत आरोप तय किए गए हैं। दोषी ठहराए जाने पर 6 माह से दो साल तक की सजा का प्रावधान है। ये विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य भी घोषित किए जा सकते हैं।