अवैध पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट से मालिक के चीथड़े उड़े, दो महिलाओं की मौत; 11 गंभीर
दमोह। मध्यप्रदेश के दमोह में अवैध पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट हो गया। फैक्ट्री मालिक समेत 3 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में दो महिलाएं हैं। हादसे में 11 मजदूर भी झुलस गए। धमाका इतना तेज था कि फैक्ट्री मालिक के चीथड़े उड़ गए। ब्लास्ट मंगलवार दोपहर रिहायशी इलाके बड़ा पुल क्षेत्र में हुआ।
जानकारी के अनुसार यहां अभय उर्फ छुट्टन गुप्ता पटाखा फैक्ट्री संचालित करते थे। दिवाली के चलते पटाखे बनाए जा रहे थे। मंगलवार को भी गुप्ता करीब एक दर्जन मजदूरों के साथ फैक्ट्री में मौजूद थे। अचानक धमाका सुन आसपास के लोग पहुंचे। तत्काल पुलिस-प्रशासन को जानकारी दी गई।
एसपी सुनील कुमार तिवारी, नगर पालिका का अमला और फायर बिग्रेड पहुंच गए। टीम ने मलबे में दबे लोगों को निकालना शुरू किया। मलबे पर पानी डाला गया। पहले टीम को गुप्ता का क्षत-विक्षत शव मिला। एक घंटे की मशक्कत के बाद दो महिलाओं के जेल हुए शव निकाले गए।
पता चला है कि गुप्ता के पास दमोह के इमलाई फैक्ट्री क्षेत्र में बारूद संग्रहण का परमिट था, लेकिन वह अवैध रूप से घर के पिछले हिस्से में पटाखा फैक्ट्री चला रहा था।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी घटना पर संज्ञान लिया है। उन्होंने अधिकारियों से बात कर घायलों के इलाज की व्यवस्था के निर्देश दिए हैं। वहीं, मृतकों और घायल लोगों के परिवारों को नियमानुसार सहायता राशि देने के लिए भी कहा है।
बहन बोली- रिंकी के सिर पर सीढ़ी गिरी
हादसे में जान गंवाने वाली रिंकी कोरी की बहन हिमांशी कोरी ने बताया, ‘मैं मां के साथ काम पर गई थी। वहीं, फोन पर ब्लास्ट की सूचना मिली। रिंकी पर सीढ़ियां गिरीं, जिससे सिर में चोट आई। उसकी स्पॉट पर ही मौत हो गई। हॉस्पिटल में दो घंटे तक रिंकी को ढूंढते रहे। उसकी डेड बॉडी मिली।’
कांग्रेस प्रत्याशी ने प्रशासन को भी दोषी बताया
दमोह सीट से कांग्रेस प्रत्याशी अजय टंडन ने कहा, ‘ शहर के बीच ऐसी घटनाएं आपत्तिजनक हैं। इन्हें रोकने के लिए प्रयास होने चाहिए। कुछ साल पहले भी ऐसा हादसा हुआ था। मामले में फैक्ट्री संचालक और प्रशासन दोनों ही दोषी हैं। समय पर एक्शन होता, तो लोगों की जान नहीं जाती।
वहीं, भाजपा प्रत्याशी जयंत मलैया का कहना है कि अधिकारियों से बात हुई है। पीड़ितों की मदद के लिए सीएम से बात करूंगा।

हादसे की मजिस्ट्रियल जांच होगी : एसपी
एसपी सुनील तिवारी का कहना है कि पटाखा फैक्ट्री अवैध रूप से संचालित हो रही थी। मामले में मजिस्ट्रियल जांच करवाई जा रही है। पुलिस लाइसेंस वाली फैक्ट्रियों की मॉनिटरिंग करती है।