कॉन्स्टेबल ने मुंह से सांस देकर बचाई सांप की जान, कीटनाशक के पानी से बेहोश हो गया था रैट स्नेक
नर्मदापुरम। एक कॉन्स्टेबल का दावा है कि उसने सांप को CPR (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) यानी मुंह से सांस देकर उसकी जान बचाई है। इसका VIDEO भी सामने आया है। कॉन्स्टेबल अतुल शर्मा नर्मदापुरम जिले की सेमरीहरचंद पुलिस चौकी में तैनात हैं। रैट स्नेक प्रजाति का सांप कीटनाशक के पानी की वजह से बेहोश हो गया था। वहीं, पशु चिकित्सकों का कहना है कि सांप को CPR देना संभव नहीं है।
अतुल शर्मा ने बताया कि ‘ड्यूटी के दौरान सूचना मिली कि रेलवे स्टेशन के पास तवा कॉलोनी के मकान में सांप घुस गया है। वह पाइप के अंदर है। लोगों ने उसे बाहर निकालने के लिए पानी में कीटनाशक मिलाकर पाइप में डाल दिया। इस वजह से सांप बेहोश हो गया था।
जैसे-तैसे सांप को बाहर निकाला। पहले साफ पानी डालकर उसे होश में लाने की कोशिश की। पानी से उसका उसका मुंह धोया। कीटनाशक निकल जाने के बाद CPR दिया। एक घंटे बाद उसकी स्थिति सामान्य हो सकी। बाद में सांप को जंगल में छोड़ दिया।
उधर, भोपाल में शासकीय पशु चिकित्सालय के अधीक्षक अजय रामटेके का कहना है कि सांप को इस तरह CPR देना संभव नहीं है। वहीं, कॉर्डियोलॉजिस्ट अजय शर्मा ने कहा कि सांप के शरीर की संरचना इंसानों से अलग है। उसे CPR नहीं दिया जा सकता। उन्होंने कहा कि इस मामले कुछ देर के लिए अचेत होने के बाद सांप ने खुद-ब-खुद रिवाइव कर लिया होगा।’
धामन प्रजाति के सांप में जहर नहीं होता
शर्मा ने बताया कि सांप धामन प्रजाति का था। इसे रैट स्नेक भी कहते हैं। इसमें जहर नहीं होता, इसलिए बिना डरे सांप को बचाने के लिए सीपीआर दिया।
सांप का रेस्क्यू करने जाते हैं
अतुल शर्मा मूल रूप से छिंदवाड़ा जिले के रहने वाले हैं। सेमरीहरचंद पुलिस चौकी से पहले वे 5 साल पचमढ़ी थाने में भी पदस्थ रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे जब 12वीं क्लास में थे, तब से सांप पकड़ते आ रहे हैं। जहां से भी कोई कॉल आता है, सांप को रेस्क्यू करने के लिए पहुंच जाते हैं। सांप पकड़ना और उनके बारे में जानकारी उन्होंने डिस्कवरी चैनल पर देखकर सीखी है। पचमढ़ी में भी कई बार सांप पकड़े चुके हैं।