Saturday, September 13, 2025
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कांग्रेस ने 4 सीटों पर प्रत्याशी बदले, सुमावली से अजब सिंह, पिपरिया से वीरेंद्र, बड़नगर से मोरवाल, जावरा से सोलंकी नए कैंडिडेट

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने बुधवार को चौथी सूची जारी कर दी। पार्टी ने विरोध के बाद 4 सीटों पर प्रत्याशी बदले हैं। तीन बार में 230 प्रत्याशियों की घोषणा के बाद लगातार हो रहे विरोध, प्रदर्शन और बगावत को देखते हुए पार्टी ने ये फैसला लिया है।

कांग्रेस ने सुमावली (मुरैना) सीट से कुलदीप सिकरवार की जगह अजब सिंह कुशवाहा, पिपरिया (नर्मदापुरम) से गुरुचरण खरे की जगह वीरेंद्र बेलवंशी, बड़नगर (उज्जैन) से राजेंद्र सिंह सोलंकी की जगह मुरली मोरवाल और जावरा (रतलाम) से हिम्मत श्रीमाल की जगह वीरेंद्र सिंह सोलंकी को उम्मीदवार बनाया है।

इससे पहले, दूसरी सूची में 3 प्रत्याशी (नरसिंहपुर जिले की गोटेगांव, शिवपुरी जिले की पिछोर और दतिया सीट) बदले थे। इस तरह से 7 प्रत्याशी बदले जा चुके हैं।

चारों सीटों पर क्यों बदले उम्मीदवार

  • सुमावली: इस सीट पर मौजूदा विधायक अजब सिंह कुशवाह का टिकट काटकर कुलदीप सिकरवार को प्रत्याशी बनाया था। इसके बाद अजब सिंह कुशवाह ने कांग्रेस छोड़कर बसपा जॉइन कर ली थी। विधायक के तेवरों को देख कांग्रेस ने अजब सिंह कुशवाह को फिर मौका दिया है।
  • पिपरिया: यहां कांग्रेस ने गुरुचरण खरे को उम्मीदवार बनाया था। इसके बाद से 12 स्थानीय दावेदार विरोध में थे। लोगों ने बाहरी कैंडिडेट काे मुद्दा बनाया। ऐसे में पार्टी ने यहां उम्मीदवार बदलकर पूर्व जनपद अध्यक्ष वीरेंद्र बेलवंशी को टिकट दिया है।
  • जावरा: यहां कांग्रेस ने हिम्मत श्रीमाल को प्रत्याशी बनाया था। कई दावेदार इसका विरोध कर रहे थे। इसे देखते हुए श्रीमाल को हटाकर वीरेंद्र सिंह सोलंकी को मौका दिया गया है।
  • बड़नगर: उज्जैन जिले की बड़नगर सीट से कांग्रेस ने राजेंद्र सिंह सोलंकी काे प्रत्याशी बनाया था। बेटे पर रेप के आरोप की वजह से मुरली मोरवाल को टिकट गंवाना पड़ा था। लेकिन, स्थानीय नेताओं के विरोध के बाद पार्टी ने फैसला पलटा है। यहां एक बार फिर मोरवाल पर विश्वास जताया गया है।

निशा बांगरे बोलीं- टिकट नहीं मिला तो निर्दलीय लड़ूंगी

बैतूल जिले की आमला से कांग्रेस ने मनोज मालवे को उम्मीदवार बनाया। यहां से पूर्व डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे दावेदारी कर रही हैं। उन्होंने कहा है कि कमलनाथ से मिलकर उनका रुख पूछूंगी। टिकट नहीं मिलता है, तो निर्दलीय चुनाव लड़ूंगी।

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