भोपाल में अगवा दोनों बच्चियाें को बेचना चाहता था हरियाणा का गिरोह, पहचान छिपाने के लिए कराया मुंडन; दंपती समेत 5 लोग हिरासत में
भोपाल। भोपाल में कन्याभोज के बहाने अगवा दोनों बच्चियां सोमवार रात मिल गई हैं। उन्हें हरियाणा के गिरोह ने किडनैप किया था। पुलिस ने कोलार क्षेत्र में इंग्लिश विला से बच्चियों को छुड़ा लिया। पुलिस ने दंपती समेत 5 लोगों को हिरासत में लिया है। दंपती उन्हें बेचना चाहते थे। पहचान छिपाने के लिए उनका मुंडन कर दिया था।
दरअसल, शनिवार सुबह कर्फ्यू वाली माता मंदिर के बाहर काजल (8 साल) और दीपावली (11 महीने) का अपहरण हो गया था। पुलिस की 5 टीमें सर्चिंग कर रही थी। संदिग्ध महिलाओं पर 30 हजार का इनाम भी घोषित किया गया था। पुलिस ने तीनों रेलवे स्टेशन और नादरा बस स्टैंड समेत बस स्टैंड जाने वाले रोड पर लगे 200 से ज्यादा सीसीटीवी खगांले।
एक ही परिवार के पांच लोग हिरासत में
पुलिस ने सीसीटीवी खंगालते हुए रोडमैप बनाया। रात करीब 9 बजे पुलिस ने कोलार क्षेत्र के इंग्लिश विला स्थित मकान में दबिश दी। यहां से अर्चना (32), पति निशांत (35) बहन मुस्कान (20), भाई सूरज (22) और एक नाबालिग बहन को हिरासत में लिया। निशांत 12वीं तक पढ़ा है। वह मूलत: केरल का रहने वाला है। पेशे से टेक्नीशियन है। अर्चना और उसके भाई-बहन मूलत: हरियाणा के हैं।

कन्याभोज के बहाने ले गए थे
मूलत: रतलाम का रहने वाला मुकेश आदिवासी कुछ दिन से बरेला गांव, लालघाटी में परिवार के साथ मजदूरी कर रहा है। पत्नी लक्ष्मी चार बच्चों और ननद के साथ पीरगेट स्थित कर्फ्यू वाली माता मंदिर में रोजाना आ रही थी। शनिवार को भी वे मंदिर में बैठे थे। सुबह 10:30 बजे एक महिला ने कन्या भोज के बहाने बच्चियां मांगी। लक्ष्मी ने बड़ी बेटी काजल (8) और दीपावली (1) को भेज दिया। इसके बाद महिला व उसकी साथी बच्चियों को लेकर लापता हो गईं।
डीसीपी क्राइम श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज में महिलाएं रेतघाट तक जाती दिखीं। उनके साथ एक मर्सिडीज भी थी।
निगरानी के लिए रखे विदेशी डॉग्स
आरोपियों ने आठ दिन पहले ही कोलार के इंग्लिश विला में मकान किराए पर लिया था। बच्चों की निगरानी के लिए आरोपियों ने विदेशी कुत्ते पाल रखे थे। आरोपियों के पास से पुरानी कार भी मिली है।
अगले महीने छोटी बेटी का जन्मदिन
मुकेश का कहना है कि छोटी बेटी 11 महीने की दीपावली पिछले साल दीपावली के दिन पैदा हुई थी, इसलिए उसका नाम दीपावली रख दिया। अगले महीने उसका जन्मदिन आने वाला था। यह उसका पहला जन्मदिन होगा, इससे पहले ही उसे अगवा कर लिया गया। हमें नहीं पता था नए शहर में ऐसी घटना होगी। बच्चों के बेहतर भविष्य की उम्मीद से भोपाल आया था। सोचा था, यहां अच्छी कमाई कर बच्चों का भविष्य अच्छा होगा।