मंत्री गोपाल भार्गव ने जताई मुख्यमंत्री बनने की इच्छा, इशारों में कहा- गुरु का आदेश है कि एक और चुनाव लड़ो
सागर। मंत्री गोपाल भार्गव ने भी मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जता दी। हालांकि उन्होंने खुलकर तो कुछ नहीं कहा, लेकिन इशारों में इरादे साफ कर दिए। उन्होंने कहा कि मेरे गुरु जी ने कहा-एक चुनाव और लड़ लो। गुरु का आदेश आया है, तो हो सकता है उनकी कुछ इच्छा हो। ईश्वर की तरफ से बात आई हो।
गोपाल भार्गव गुरुवार को सागर के रहली में प्रसिद्ध देवी सिद्ध पीठ टिकीटोरिया धाम में रोप वे के भूमिपूजन कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इसका वीडियो शनिवार को सामने आया है। उन्होंने कहा – ‘मैं परेशान होता रहा, तो गुरु जी ने कहा, जब इतने परेशान हुए हो तो, एक बार आप फिर लड़ जाओ। एक बार चुनाव लड़ लो। ये अंतिम चुनाव होगा। ये जो भी गुरु का आदेश है, तो निश्चित रूप से मुझे भी लगा कि इस बार जो चुनाव हो रहे हैं। किसी को मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट नहीं किया जा रहा। यह नहीं बताया जा रहा कि किसे हम मुख्यमंत्री बनाएंगे। जब गुरु का आदेश आया है, तो हो सकता है। मुझे भी लगा कि गुरु की कुछ इच्छा हो। ईश्वर की तरफ से बात आई हो।’
पढ़िए, क्या कहा गोपाल भार्गव ने
गोपाल भार्गव ने कहा – ‘मुझे कोई चाहत नहीं है। लोग सरपंच बनने के लिए परेशान रहते हैं, पार्षद बनने के लिए परेशान रहते हैं। भगवान ने तो मुझे सब कुछ बनाया है। नगर पालिका अध्यक्ष बनाया। इतने साल विधायक बनाया। इतने साल मंत्री बनाया और तो और सबसे बड़ा पद जो मुख्यमंत्री के बराबर होता है, मुझे नेता प्रतिपक्ष बनाया।
बाद में सरकार बदली उस समय में मैं सोचता था कि मुझे नेता प्रतिपक्ष बनाया है। मैं 108 विधायकों का नेता था। कमलनाथ जी 113 विधायकों के नेता थे, लेकिन वह संभव नहीं हो पाया। हर चीज का मुहूर्त होता है। हो सकता है कि मेरी हस्तरेखा में, भाग्य रेखा में ना हो, लेकिन समय पता नहीं, कब कैसा आ जाए। तो हो सकता है कि जगदंबा जी की इस परिषद से आपकी आवाज सत्य हो जाए। मैया से यही प्रार्थना करता हूं कि जो कुछ भी बनूं सब आपके लिए बनूं।’
बीजेपी ने कई बड़े चेहरे उतारे
दरअसल, बीजेपी ने मध्यप्रदेश में इस बार अभी तक किसी भी नेता को बतौर सीएम प्रोजेक्ट नहीं किया है। वहीं, इस चुनाव में 3 केंद्रीय मंत्री समेत 7 सांसद और बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को प्रत्याशी बनाया है। बीजेपी अब तक तीन लिस्ट जारी कर 79 प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। खास है कि इनमें से किसी भी लिस्ट में सीएम शिवराज सिंह का नाम बतौर कैंडिडेट नहीं आया।
शिवराज ने जनता से पूछा- मुख्यमंत्री बनना चाहिए कि नहीं’
सीएम शिवराज सिंह भी कुछ ऐसे बयान भी दे रहे हैं, जिनके सियासी गलियारों में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। सीएम शिवराज सिंह ने एक सभा में कहा था कि ‘ऐसा भैया नहीं मिलेगा, जब चला जाऊंगा तो बहुत याद आऊंगा’। इसके बाद एक सभा में उन्होंने जनता से पूछा ‘चुनाव लड़ूं या नहीं’।
वहीं, शुक्रवार को डिंडौरी की सभा में तो उन्होंने जनता से ये पूछ लिया कि ‘मामा को मुख्यमंत्री बनना चाहिए कि नहीं’। उन्होंने जनता से दोनों हाथ उठवाकर मामा का साथ देने और भाजपा की सरकार का साथ देने का संकल्प भी दिलवाया।
उन्होंने ये भी पूछा कि मुझे दिल से ईमानदारी से बताना। मैं कैसी सरकार चला रहा हूं? अच्छी सरकार चला रहा हूं कि बुरी सरकार चला रहा हूं? तो ये सरकार आगे चलनी चाहिए कि नहीं? मामा को मुख्यमंत्री बनना चाहिए कि नहीं? मोदी जी को प्रधानमंत्री बनना चाहिए कि नहीं?
इससे पहले कैलाश विजयवर्गीय भी इंदौर में कह चुके हैं कि मैं यहां विधायक बनने नहीं आया।