MP का सबसे छोटा जिला पांढुर्णा, दो तहसील को मिलाकर किया गठन, जल्द होगी कलेक्टर-एसपी की नियुक्ति
छिंदवाड़ा। पांढुर्णा मध्यप्रदेश का 55वां जिला बन गया है। दो तहसीलों को मिलाकर बना यह प्रदेश का सबसे छोटा जिला है। छिंदवाड़ा के पांढुर्णा को जिला बनाने के संबंध में शिवराज कैबिनेट ने प्रस्ताव मंजूर कर दिया है। इसके बाद गजट नोटिफिकेशन का फाइनल प्रकाशन भी हो गया है। जिला बनने के बाद में लोगों ने यहां खुशियां मनाकर एक-दूसरे को मिठाई बांटी। साथ ही, आतिशबाजी भी की। जल्द ही यहां कलेक्टर और एसपी की नियुक्ति की जाएगी।
दरअसल, पांढुर्णा को जिला बनाने के लिए कवायद को अंतिम रूप दे दिया गया है। इसमें पांढुर्णा में 74 और सौंसर 63 हल्के कुल 137 हल्के मिलाए गए हैं। फिलहाल इस जिले में पांढुर्णा और सौंसर तहसील है। इसके बाद यहां और तहसील बनाई जाएंगी, जिससे लोगों को राजस्व समेत अन्य कार्यों को करने में आसानी हो।
कलेक्टर-एसपी की नियुक्ति के बाद राजस्व के सभी कामकाज के लिए लोगों को पांढुर्णा जाना होगा। जिला बनाने को लेकर भाजपा विधान सभा के प्रत्याशी प्रकाश भाउ उइके ने जनता को बधाई दी है।उन्होंने कहा है कि पांढुर्णा विकास के नए आयाम लिखेगा।
हालांकि जिला बनाओ समिति ने सौंसर को जिला बनाने की मांग की थी। सौंसर वासियों ने तीन हजार से ज्यादा दावे आपत्ति भी लगाई थी।
छिंदवाड़ा की तीन पहचान बचीं
पांढुर्णा जिला बनने के बाद वन संपदा, कारखाना संपदा, फल संपदा, धार्मिक संपदा और खेती संपदा, रेत संपदा समेत राजस्व प्राप्त होने वाले ज्यादातर क्षेत्र पांढुर्णा में चले गए हैं। वही, छिंदवाड़ा का मध्यप्रदेश में सबसे बड़ा क्षेत्रफल होने का तमगा भी खत्म हो गया है। अब छिंदवाड़ा जिले में पांच तहसील होंगी। वहीं, विश्व प्रसिद्ध चिरौंजी, पातालकोट और कोल माइंस से पहचान होगी।
कलेक्टोरेट और एसपी कार्यालय की तैयारी
गुरुवार को कृषि उपज कार्यालय में नए कलेक्टर कार्यालय के लिए तैयारी की जा रही है। वहीं, पुराने सरकारी अस्पताल में नया एसपी कार्यालय बनाकर तैयार किया जा रहा है।