गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस आलाकमान पर बोला हमला, कहा- नेहरू और इंदिरा थे बड़े कद के नेता
नई दिल्ली। डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी (डीएपी) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने मंगलवार को कांग्रेस आलाकमान पर जुबानी हमला बोला। उन्होंने कहा कि वे कभी भी कांग्रेस की विचारधारा के खिलाफ नहीं रहे। न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि ‘मैं कांग्रेस को खत्म नहीं करना चाहता। पार्टी नेतृत्व के साथ मेरे मतभेद हो सकते हैं, लेकिन पार्टी या कांग्रेस की विचारधारा का मैंने समर्थन किया है।’
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, भले ही मैंने अपनी किताब में इसका जिक्र किया है कि पंडित जवाहरलाल नेहरू जी, इंदिरा गांधी जी और राजीव गांधी जी के शासनकाल में क्या गलत हुआ, लेकिन साथ ही यह भी कहा है कि वे बड़े और असरदार नेता थे।’
आजाद ने कहा, ‘नेहरू जी, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी बड़े राजनीतिक हमले को बर्दाश्त कर सकते थे। उनमें वो क्षमता और सहनशक्ति थी। उन्हें जनता का समर्थन हासिल था। लोग उनका सम्मान करते थे। वे ऐसे नेता थे, जो वक्त के साथ काम के दम पर परिस्थितियों को पलट सकते थे, लेकिन वर्तमान में कांग्रेस नेतृत्व का लोगों पर असर नजर नहीं आता।’
गौरतलब है कि गुलाम नबी आजाद (73) ने 26 अगस्त 2022 को कांग्रेस छोड़ दी थी। बाद में उन्होंने 26 सितंबर को उन दर्जनों पूर्व मंत्रियों, पूर्व विधायकों और अन्य प्रमुख नेताओं के सहयोग से डीएपी का गठन किया था, जिन्होंने उनके समर्थन में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। इनमें पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद, पूर्व मंत्री पीरजादा मोहम्मद सईद, ताज मोहिउद्दीन, जीएम सरूरी, आर एस छिब, जुगल किशोर, माजिद वानी और मनोहर लाल शर्मा शामिल थे।
हालांकि, गठन के कुछ हफ्ते बाद ही कलह होने लगी। तारा चंद और कुछ अन्य नेताओं को डीएपी से निष्कासित कर दिया गया। साल के आरंभ में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान तारा चंद, पीरजादा मोहम्मद और 15 अन्य नेताओं ने कांग्रेस में फिर से वापसी कर ली।