चुनावी वादों पर भाजपा-कांग्रेस में खींचतान, BJP नेता अनुज शर्मा ने कहा- जनघोषणा पत्र के वादे पूरे नहीं, सुबोध बोले- चैलेंज देता हूं
रायपुर। छत्तीसगढ़ में चुनाव करीब हैं। ऐसे में चुनावी वादों पर भाजपा-कांग्रेस के बीच खींचतान बढ़ रही है। एक्टर से भाजपा नेता बने अनुज शर्मा ने ट्वीट कर कांग्रेस को चैलेंज दिया। इसके जवाब में युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुबोध हरितवाल ने कहा कि सबूत लेकर आएं। चाहे बहस कर लें।
सुबोध ने सोशल मीडिया पर लिखा- मैं आपको खुली चुनौती देता हूं अनुज शर्मा भैया, किसी भी मंच पर बहस के लिए इस मुद्दे पर सभी साक्ष्य के साथ आ जाइए। मेरी चुनौती है कि गंगाजल हाथ में लेकर की गई पत्रकार वार्ता पर जब और जहां वो तय करें, मैं बहस के लिए साक्ष्य के साथ तैयार हूं। हमने किसानों को उनकी फसल का 2500 रुपए समर्थन मूल्य और कर्जमाफ़ी का वादा किया था, जिसे तत्काल पूरा किया। आज तक उसमें कायम भी है।
सुबोध ने कहा- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पूरी कांग्रेस पार्टी विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। भाजपा के झूठे चहरे को लगातार उजागर करने के लिए तैयार है। इसी क्रम में दी गई मेरी इस चुनौती को स्वीकार करने की हिम्मत यदि अनुज शर्मा जी में हो, तो मैं भी तैयार हूं। पिछले चुनावी साल 2018 में कांग्रेस की गंगाजल वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस में नेता आरपीएन सिंह और जयवीर शेरगिल भी थे, जो अब भाजपा में हैं, इन्हें लेकर सुबोध ने लिखा- बाकी आरपीएन सिंह और जयवीर जी आपको ज्यादा बेहतर बता देंगे, जो आज भाजपा में हैं।
अनुज शर्मा ने दिया जवाब
बदलबो, बदलबों ए दारी छत्तीसगढ़ के लबरा सरकार ल बदलबो, छत्तीसगढ़ की जनता को जनघोषणा पत्र में वादा गया किया था। गंगाजल की सौगंध खाई गई थी । छत्तीसगढ़ की जनता बताए गंगाजल की, सौगंध खाने वाले ये लोग इनकी सरकार बनने के बाद इन्होंने छत्तीसगढ़ की जनता जितने वादे किए थे, कितने वादे पूरे हुए?
गंगाजल पर गर्माया है सियासी माहौल
भाजपा-कांग्रेस को गंगाजल वाली साल 2018 की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर घेर रही है। सोशल मीडिया पर भाजपा की ओर से दावा किया जा रहा है कि इन्होंने जो वादे किए, पूरे नहीं हुए। इस पर कांग्रेस का पक्ष रखने सोमवार को खुद कांग्रेस प्रवक्ता और मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि शराबबंदी के मामले में भाजपा भ्रम फैला रही है। कांग्रेस ने गंगाजल हाथ में लेकर किसानों का कर्ज माफ करने का वादा किया था, शराबबंदी के लिए नहीं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में तत्कालीन कांग्रेस नेता आरपीएन सिंह मौजूद थे, जो अभी भाजपा के सदस्य हैं। अकबर ने कहा कि भूपेश बघेल के नेतृत्व में सरकार गठन के दो घंटे के भीतर ही किसानों के कर्ज माफी का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया। भूपेश सरकार का निर्णय भाजपा और उसके नेताओं को रास नहीं आई।